Om namah shivay mantra, मंत्र, सनातन धर्म की आध्यात्मिक गहराई में एक ज्योति की तरह प्रकाशित होता है। यह केवल शब्दों का समूह नहीं, बल्कि भगवान शिव के प्रति समर्पित एक पवित्र ध्वनि है, जो अनंत शांति और शक्ति का स्रोत है। इसके गूढ़ अर्थ और महत्व को समझना आवश्यक है।
यह मंत्र, जिसे पंचाक्षर मंत्र भी कहा जाता है, पांच अक्षरों – ‘न’, ‘म’, ‘शि’, ‘वा’, और ‘य’ से बना है, जो भगवान शिव के पांच रूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ॐ ब्रह्मांडीय ध्वनि है, जो संपूर्ण सृष्टि का मूल है। इस प्रकार, ॐ नमः शिवाय संपूर्ण ब्रह्मांड के स्वामी, भगवान शिव को समर्पित एक स्तुति है।
यह मंत्र न केवल भगवान शिव की महिमा का गुणगान करता है, बल्कि यह हमारे अंतर्मन को भी जागृत करता है। इसका नियमित जाप मन को शांत करता है, नकारात्मक विचारों को दूर करता है, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। यह आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है, और हमें अपने वास्तविक स्वरूप का बोध कराता है।
ॐ नमः शिवाय मंत्र जीवन की चुनौतियों का सामना करने की शक्ति प्रदान करता है, और हमें भय, चिंता, और दुखों से मुक्ति दिलाता है। यह हमें आत्म-अनुशासन, धैर्य, और करुणा का पाठ पढ़ाता है, और हमें एक संतुलित और सार्थक जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।
ॐ नमः शिवाय मंत्र का अर्थ –
Om Namah Shivaya मंत्र हिंदू धर्म के सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली मंत्रों में से एक है। यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है और इसे पंचाक्षर मंत्र (पाँच अक्षरों वाला मंत्र) भी कहा जाता है। यह मंत्र न केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है। इस लेख में, हम ॐ नमः शिवाय मंत्र के अर्थ, महत्व, फायदे और जाप विधि के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।
- ॐ नमः शिवाय मंत्र संस्कृत भाषा में है और इसे पाँच अक्षरों वाला मंत्र कहा जाता है। इस मंत्र का शाब्दिक अर्थ है:
- ॐ (Om) – यह ब्रह्मांड की प्रथम ध्वनि है और इसे सभी मंत्रों का सार माना जाता है।
- नमः (Namah) – इसका अर्थ है “नमन” या “समर्पण”।
- शिवाय (Shivaya) – यह भगवान शिव को संबोधित करता है।
इस प्रकार, ॐ नमः शिवाय का अर्थ है मैं भगवान शिव को नमन करता हूँ । यह मंत्र भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और आत्मा को शुद्ध करने का एक शक्तिशाली साधन है।
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om namah shivay mantra का महत्व
यह भगवान भोलेनाथ का एक ऐसा लोकप्रिय मंत्र हैं । जो अपने आप मे चमत्कार से भरा है । सनातनी इस मंत्र का बहुत महत्व है जैसे –
1. आध्यात्मिक महतव – यह मंत्र आत्मा और परमात्मा के बीच की दूरी को मिटाता है। यह मंत्र जपने से मन शांत होता है और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है। यह मंत्र भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है।
2. वैज्ञानिक महत्व – इस मंत्र के जाप से मस्तिष्क की तरंगों में सकारात्मक परिवर्तन होता है। यह मंत्र तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है। इसके नियमित जाप से श्वसन तंत्र और हृदय गति संतुलित होती है।
3. धार्मिक महत्व – यह मंत्र भगवान शिव की स्तुति करता है और उनकी कृपा प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करता है। इसे शिव पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों में विशेष महत्व दिया गया है।
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om namah shivay mantra के फायदे –
भगवान शिव के इस लोकप्रिय एव चमत्कारिक मंत्र का जाप करने से साधक को बहुत सारे फायदे होते हैं । ये फायदे अध्यात्मिक, मानसिक एव भौतिक सुखो से जुड़े हो सकते हैं जैसे –
1. मानसिक शांति – इस मंत्र के जाप से मन शांत होता है और तनाव दूर होता है। यह मंत्र नकारात्मक विचारों को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
2. आध्यात्मिक उन्नति – यह मंत्र आत्मा को शुद्ध करता है और आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ाता है। इसके नियमित जाप से मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
3. शारीरिक स्वास्थ्य – इस मंत्र के जाप से श्वसन तंत्र मजबूत होता है। यह मंत्र हृदय गति को संतुलित करता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
4. जीवन में सफलता – इस मंत्र के जाप से मन की एकाग्रता बढ़ती है, जिससे कार्यक्षमता में सुधार होता है। यह मंत्र जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है और सफलता के द्वार खोलता है।
5. नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा – यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है। इसके जाप से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
ॐ नमः शिवाय मंत्र के चमत्कार –
इस मंत्र, जिसे पंचाक्षर मंत्र भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित एक शक्तिशाली मंत्र है। इस मंत्र के जाप से जुड़े कई चमत्कारी लाभ बताए जाते हैं:
- मानसिक शांति – इस मंत्र का जाप मन को शांत करता है, तनाव और चिंता को कम करता है। यह आंतरिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है।
- सकारात्मक ऊर्जा – Om namah shivay mantra सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, नकारात्मक विचारों और भावनाओं को दूर करता है। यह जीवन में आशा और उत्साह लाता है।
- आध्यात्मिक विकास – इस मंत्र का नियमित जाप आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है। यह भगवान शिव के साथ संबंध को मजबूत करता है और आत्म-साक्षात्कार की ओर ले जाता है।
- शारीरिक स्वास्थ्य – कुछ लोग मानते हैं कि इस मंत्र का जाप शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह शरीर में ऊर्जा का संतुलन बनाए रखता है और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है।
- बाधाओं का निवारण – ॐ नमः शिवाय मंत्र जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है। यह कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है और सफलता की ओर ले जाता है।
- भय से मुक्ति – इस मंत्र का जाप भय और असुरक्षा की भावनाओं को दूर करता है। यह साहस और आत्मविश्वास प्रदान करता है।
- कर्मों का शुद्धिकरण – ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र का जाप पिछले कर्मों के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है और आत्मा को शुद्ध करता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि om namah shivay mantra मंत्र जाप एक व्यक्तिगत अनुभव है, और इसके लाभ व्यक्ति के विश्वास और भक्ति पर निर्भर करते हैं।
om namah shivay mantra की शक्ति –
इस मंत्र को हिंदू धर्म में एक अत्यंत शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। इसकी शक्ति कई रूपों में प्रकट होती है, जो आध्यात्मिक, मानसिक और यहां तक कि भौतिक स्तरों पर भी प्रभाव डालती है।
- शिव से जुड़ाव – यह मंत्र भगवान शिव के साथ सीधा संबंध स्थापित करने में मदद करता है। इसे जपने से भक्त भगवान शिव के करीब महसूस करते हैं।
- आत्मा की शुद्धि – माना जाता है कि इस मंत्र का जाप आत्मा को शुद्ध करता है, नकारात्मक कर्मों को नष्ट करता है, और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है।
- आत्म-ज्ञान – यह मंत्र आत्म-ज्ञान और आत्म-साक्षात्कार की ओर ले जाता है। यह आंतरिक शांति और ज्ञान प्रदान करता है।
- मन की शांति – ॐ नमः शिवाय मंत्र मन को शांत करता है, तनाव और चिंता को कम करता है। यह आंतरिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है।
- सकारात्मक ऊर्जा – यह मंत्र सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, नकारात्मक विचारों और भावनाओं को दूर करता है। यह जीवन में आशा और उत्साह लाता है।
- ध्यान में सहायक – यह मंत्र ध्यान के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है। यह मन को एकाग्र करने और गहरी ध्यान अवस्था में प्रवेश करने में मदद करता है।
- स्वास्थ्य लाभ – कुछ लोग मानते हैं कि इस मंत्र का जाप शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह शरीर में ऊर्जा का संतुलन बनाए रखता है और रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाता है।
- बाधाओं का निवारण – ॐ नमः शिवाय मंत्र जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है। यह कठिनाइयों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है और सफलता की ओर ले जाता है।
सुरक्षा – ऐसा माना जाता है कि यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जाओं और बुरी शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है।
ॐ नमः शिवाय मंत्र जाप की विधि –
om namah shivay mantra एक ऐसा मंत्र है जिसे इस मंत्र का जाप किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन सुबह और शाम का समय विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इसे शांत और एकांत स्थान पर जपना चाहिए। आप इसे माला के साथ या बिना माला के भी जप सकते हैं। मंत्र को श्रद्धा और भक्ति के साथ जपना चाहिए। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मंत्र जाप एक व्यक्तिगत अनुभव है, और इसकी शक्ति व्यक्ति के विश्वास और भक्ति पर निर्भर करती है।
- सही समय – इस मंत्र का जाप सुबह ब्रह्म मुहूर्त (4:00 AM से 6:00 AM) में करना सबसे अच्छा माना जाता है। शाम के समय भी इस मंत्र का जाप किया जा सकता है।
- सही स्थान – मंत्र जाप के लिए एक शांत और स्वच्छ स्थान चुनें। यदि संभव हो तो मंदिर या पूजा स्थल में बैठकर जाप करें।
- आसन और मुद्रा – पद्मासन या सुखासन में बैठें। रीढ़ की हड्डी सीधी रखें और हाथों को ज्ञान मुद्रा में रखें।
- माला का उपयोग – रुद्राक्ष या तुलसी की माला का उपयोग करें। मंत्र जाप के लिए 108 बार माला फेरना शुभ माना जाता है।
- मंत्र जाप – मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और शांत मन से करें। मंत्र जाप के दौरान भगवान शिव की कल्पना करें।
ॐ नमः शिवाय मंत्र जाप की संख्या
हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार किसी भी मंत्र का जाप करने की संख्या निर्धारित होती हैं । तभी यह परिणाम देता हैं । इसलिए इस मंत्र की जप संख्या इस प्रकार है –
नियमित जाप – प्रतिदिन 108 बार मंत्र जाप करना उत्तम माना जाता है।
विशेष उद्देश्य – यदि किसी विशेष उद्देश्य के लिए जाप कर रहे हैं, तो 1 लाख बार मंत्र जाप करना चाहिए।
महामृत्युंजय मंत्र के साथ -ॐ नमः शिवाय मंत्र के साथ महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से अतिरिक्त लाभ मिलता है।

ओम नमः शिवाय मंत्र कब सिद्ध होता है ?
ॐ नमः शिवाय मंत्र की सिद्धि का समय या संख्या निर्धारित नहीं होती है, बल्कि यह साधक की निष्ठा, एकाग्रता, भावना, और आध्यात्मिक प्रयासों पर निर्भर करता है। मंत्र सिद्धि का अर्थ है मंत्र के प्रति पूर्ण समर्पण और उसकी शक्ति का साक्षात्कार। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं:
1. सिद्धि के लिए आवश्यक तत्व –
- श्रद्धा और विश्वास – मंत्र के प्रति अटूट विश्वास और शिव की कृपा में आस्था।
- नियमित साधना – निरंतर जप (दैनिक अभ्यास) और ध्यान।
- शुद्ध उच्चारण – मंत्र का सही उच्चारण और लयबद्धता।
- अर्थ की गहरी समझ – ॐ नमः शिवाय का अर्थ है “सर्वव्यापी शिव को प्रणाम,” इसे भाव के साथ जपना चाहिए।
गुरु का मार्गदर्शन – कई परंपराओं में गुरु दीक्षा और सही तकनीक का महत्व होता है।
2. मंत्र जप की संख्या –
कुछ ग्रंथों में 1,25,000 बार (एक लाख पच्चीस हज़ार) जप को सिद्धि के लिए आवश्यक माना गया है। यह संख्या अलग-अलग परंपराओं में भिन्न हो सकती है। लेकिन यह संख्या केवल बाहरी नियम है। असली सिद्धि तब होती है जब मंत्र साधक के हृदय में समा जाता है और उसकी चेतना शिव के साथ एक हो जाती है।
3. सिद्धि के लक्षण – मन की शांति, आंतरिक आनंद, और बाहरी विघ्नों पर विजय। अंतर्ज्ञान की प्राप्ति और दिव्य अनुभूतियाँ। शिव तत्व के साथ एकात्मकता की अनुभूति।
4. महत्वपूर्ण सूत्र – मंत्र सिद्धि साधक की सिद्धि है, संख्याओं की नहीं। यह एक यात्रा है जहाँ साधक अपने अहंकार को विसर्जित कर शिव की इच्छा के साथ एक हो जाता है।
मंत्र सिद्धि का कोई निश्चित समय नहीं है। यह व्यक्ति की आंतरिक तैयारी, समर्पण और ऊर्जा पर निर्भर करता है। शास्त्रों के अनुसार, ॐ नमः शिवाय मंत्र को पवित्र भाव से जपने पर शिव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
औरतों को ओम नमः शिवाय बोलना चाहिए कि नहीं
हाँ, औरतें ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप कर सकती हैं। इस मंत्र का जाप किसी भी लिंग, जाति या उम्र का व्यक्ति कर सकता है। यह एक सार्वभौमिक मंत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है।
कुछ धार्मिक ग्रंथों में महिलाओं के लिए कुछ विशेष मंत्रों का उल्लेख है, लेकिन “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। यह मंत्र भगवान शिव के प्रति समर्पण और भक्ति का प्रतीक है, और इसे कोई भी व्यक्ति अपनी श्रद्धा के अनुसार जप सकता है। यहाँ कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए –
- श्रद्धा और भक्ति – मंत्र का जाप करते समय, श्रद्धा और भक्ति महत्वपूर्ण हैं।
- नियम – कुछ लोग मंत्र जाप के दौरान कुछ नियमों का पालन करते हैं, जैसे कि स्वच्छ रहना और शांत वातावरण में जाप करना।
व्यक्तिगत पसंद अंततः, यह व्यक्तिगत पसंद है कि कोई व्यक्ति किस मंत्र का जाप करना चाहता है। इसलिए, औरतें “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप कर सकती हैं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकती हैं।
ॐ नमः शिवाय मंत्र के जाप के लिए टिप्स
किसी भी मंत्र की साधना करने के लिए कुछ आवश्यक सावधानियां रखना जरूरी है । यहा हम कुछ टिप्स बता रहे हैं जैसे –
1. नियमितता – मंत्र जाप को नियमित रूप से करें।
2. शुद्धता – मंत्र जाप से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
3. एकाग्रता – मंत्र जाप के दौरान मन को एकाग्र रखें।
4. भक्ति – भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति भाव रखें।
5. पवित्रता – इस मंत्र को शारीरिक व मानसिक रूप से पवित्रता का पालन करना अनिवार्य है।
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निष्कर्ष – Om namah shivay mantra एक शक्तिशाली मंत्र है जो आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक लाभ प्रदान करता है। इस मंत्र के नियमित जाप से मन शांत होता है, आत्मा शुद्ध होती है, और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। यह मंत्र भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है। इसलिए, प्रतिदिन इस मंत्र का जाप करें और अपने जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भर दे ।