IFMS 3.0 पर सैलरी एरियर बिल कैसे बनाएं – जाने ACP/MCP कैसे जोड़े

ifms 3.0 par salery arrear bil kaise banaye.

IFMS 3.0 पर सैलरी एरियर बिल कैसे बनाएं – सरकार अपने कर्मचारियों की सेलरी भुगतान करने के लिए हमेशा पारदर्शी तरीका उपयोग मे लिया जाता हैं । ताकि कोई किंतु परन्तु न हो । वही भुगतान करने में भी कोई प्रॉब्लम न हो । इसी प्रकार Paymaneger के बाद IFMS 3.0 Portal ऐप लॉन्च किया है । यह एक ऐसा तरीका हैं जिससे भुगतान करने या बिल बनाने की प्रक्रिया बहुत आसान हो जाती हैं । 

IFMS 3.0 एक ऐसा software है जो सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्ते भुगतान ऑटो सिस्टम के लिए बनाया गया है। अगर आपको पिछले महीनों का वेतन नहीं मिला है, तो आपको IFMS 3.0 पर सैलरी एरियर बिल बनाना होगा । वही इस मोबाइल फोन से भी चेक कर सकते हैं । तो चलिए जानते हैं –

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IFMS 3.0 क्या है?

IFMS 3.0 (Integrated Financial Management System) एक आधुनिक और व्यापक सॉफ्टवेयर सिस्टम है जो सरकारी कर्मचारियो के लिए भुगतान की प्रक्रियाओं को स्वचालित करने और सुव्यवस्थित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

यह सिस्टम कर्मचारियों के वेतन, भत्तों, बिलों, लेखा और बजट प्रबंधन जैसी विभिन्न वित्तीय गतिविधियों को संचालित करने में मदद करता है। IFMS 3.0 का उद्देश्य वित्तीय प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और दक्षता लाना है।

IFMS 3.0 से कई मैन्युअल प्रक्रियाओं को स्वचालित करके समय और संसाधनों की बचत होती है। यह पोर्टल सभी वित्तीय लेनदेन का एक केंद्रीय डेटाबेस होने के कारण, पारदर्शिता बढ़ जाती है। डेटा एंट्री में त्रुटियों को कम करके सटीकता सुनिश्चित होती है।

इस पोर्टल से विभिन्न प्रकार की रिपोर्टें उत्पन्न की जा सकती हैं, जिससे निर्णय लेने में मदद मिलती है। वही डेटा सुरक्षा के उच्च स्तर के साथ डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। इस पोर्टल की सबसे बड़ी बात यह हैं कि यह ऑटो संचालित होता हैं । यदि कोई परिवर्तन करना हो तो विभाग से सम्पर्क करना आवश्यक है ।

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IFMS 3.0 पर सैलरी एरियर बिल कैसे बनाएं?

सैलरी एरियर बिल तब बनाया जाता है जब किसी कर्मचारी को पिछले महीनों का वेतन या भत्ता नहीं मिला हो। IFMS 3.0 पर सैलरी एरियर बिल बनाने की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है –

ऐप इंस्टाल करे – अपने सिस्टम में IFMS 3.0 ऐप को इंस्टाल करे ।

  • सबसे पहले, आपको IFMS 3.0 पोर्टल पर अपने लॉगिन क्रेडेंशियल्स का उपयोग करके लॉगिन करना होगा।
  • सैलरी बिल मॉड्यूल पर जाएं – लॉगिन करने के बाद, आपको सैलरी बिल मॉड्यूल पर जाना होगा। यह आमतौर पर मेनू बार में या एक अलग टैब में होता है।
  •  नया बिल बनाये – सैलरी बिल मॉड्यूल में, आपको एक नया बिल बनाने का विकल्प मिलेगा। इस विकल्प पर क्लिक करें।
  •  कर्मचारी का चयन करें – यहां आपको उस कर्मचारी का चयन करना होगा जिसके लिए आप एरियर बिल बनाना चाहते हैं। आप एक या एक से अधिक कर्मचारियों का चयन कर सकते हैं।
  •  अवधि का चयन करें – आपको उस अवधि का चयन करना होगा जिसके लिए आप एरियर बिल बना रहे हैं। यह वह अवधि होगी जिसके लिए कर्मचारी को वेतन नहीं मिला है।
  • एरियर की गणना – सिस्टम स्वचालित रूप से एरियर की गणना करेगा। आप यह जांच सकते हैं कि गणना सही है या नहीं।
  • अन्य विवरण – आपको कुछ अन्य विवरण भरने होंगे, जैसे कि बिल का प्रकार (सैलरी एरियर), बिल की तारीख आदि।
  • सत्यापन और सबमिट – सभी विवरणों को ध्यान से जांच लें और फिर बिल को सबमिट करें।
  • स्वीकृति – आपका बिल अधिकारियों द्वारा स्वीकृत किया जाएगा और फिर भुगतान के लिए भेजा जाएगा।

यदि कोई प्रॉब्लम आ रही हैं तो सिस्टम अपडेट जाचे क्योकि IFMS 3.0 को नियमित रूप से अपडेट किया जाता है, इसलिए यह संभव है कि उपरोक्त प्रक्रिया में कुछ बदलाव हुए हों।

IFMS 3.0 पर सैलरी एरियर बिल कैसे बनाएं एव ACP, MCP और इंक्रीमेंट जोड़ने का तरीका

IFMS 3.0 पोर्टल पर सैलरी बिल बनाते समय ACP (अतिरिक्त अर्हता वेतन), MCP (महत्वपूर्ण पद वेतन) और इंक्रीमेंट (वेतन वृद्धि) को जोड़ना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। ये सभी वेतन संरचना के महत्वपूर्ण घटक हैं और इनका सही तरीके से गणना करना आवश्यक है। यहां IFMS 3.0 पर सैलरी बिल में ACP, MCP और इंक्रीमेंट जोड़ने के कुछ सामान्य चरण दिए गए हैं जैसे –

सबसे पहले इस पोर्टल लॉगिन करके सैलरी बिल मॉड्यूल पर जाएं। यह आमतौर पर मेनू बार में या एक अलग टैब में होता है।

सैलरी बिल मॉड्यूल में, एक नया बिल बनाने का विकल्प चुनें। और कर्मचारी का चयन करें। अवधि का चयन करने के बाद वेतन विवरण दर्ज करे जैसे –

  1. बेसिक पे – कर्मचारी का मूल वेतन दर्ज करें।
  2. ग्रेड पे – कर्मचारी का ग्रेड पे दर्ज करें।
  3. महंगाई भत्ता (DA) – लागू महंगाई भत्ता दर्ज करें।
  4. अन्य भत्ते -अन्य भत्ते (जैसे हाउस रेंट अलाउंस, ट्रैवल अलाउंस आदि) दर्ज करें।

ACP/MCP जोड़ने के लिए 

  1. पात्रता – जांचें कि कर्मचारी ACP या MCP के लिए पात्र है या नहीं।
  2. कैलकुलेशन – यदि पात्र है, तो संबंधित नियमों के अनुसार ACP या MCP की गणना करें और इसे वेतन में जोड़ें।

इंक्रीमेंट जोड़ने के लिए –

  • पिछला इंक्रीमेंट – कर्मचारी को पिछले साल मिला इंक्रीमेंट दर्ज करें।
  • नया इंक्रीमेंट – वर्तमान वर्ष के लिए लागू इंक्रीमेंट को जोड़ें।
  • कटौतियां – आयकर, पेंशन योगदान जैसी कटौतियों को दर्ज करें।
  • कुल वेतन – सभी गणनाओं के बाद, कुल वेतन स्वचालित रूप से जनरेट हो जाएगा।
  • सत्यापन और सबमिट – सभी विवरणों को ध्यान से जांच लें और फिर बिल को सबमिट करें ।

यहां ध्यान दे कि ACP,  MCP और इंक्रीमेंट की गणना के लिए आपके विभाग से सम्पर्क कर सकते हैं। इन नियमों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है। एव संबंधित सभी दस्तावेजों को सुरक्षित रखें।

कर्मचारियों के एरियर की गणना कैसे करें –

एरियर (Arrear) का अर्थ होता है किसी व्यक्ति को देय राशि जो उसे समय पर नहीं मिली हो। कर्मचारियों के संदर्भ में, एरियर का मतलब है वेतन या भत्ते की वह राशि जो कर्मचारी को किसी विशेष अवधि के लिए मिलनी चाहिए थी, लेकिन नहीं मिली। इनके लिए बेसिक सैलेरी, महंगाई भत्ते, कटौतिया, एरियर की अवधि एव बोनस आदि की आवश्यकता होती हैं ।

  • बेसिक सैलरी और भत्तों की गणना – सबसे पहले, उस अवधि के लिए कर्मचारी की बेसिक सैलरी और अन्य भत्तों की गणना की जाती है जिसके लिए एरियर निकाला जा रहा है।
  • कटौतियों की गणना – फिर, उसी अवधि के लिए सभी प्रकार की कटौतियों की गणना की जाती है।
  • शुद्ध वेतन की गणना – अब, कुल भत्तों में से कटौतियां घटाकर शुद्ध वेतन की गणना की जाती है।
  • एरियर की गणना – शुद्ध वेतन को उस अवधि के महीनों की संख्या से गुणा करके एरियर की कुल राशि निकाली जाती है।
  • उदाहरण के लिए मान लीजिए, एक कर्मचारी की बेसिक सैलरी 20,000 रुपये है और उसे 10% महंगाई भत्ता मिलता है। उसे जनवरी और फरवरी महीने का वेतन नहीं मिला है।
  • कुल वेतन (जनवरी): 20,000 + (20,000 * 10%) = 22,000 रुपये
  • कुल वेतन (फरवरी): 22,000 रुपये
  • कुल एरियर: 22,000 रुपये * 2 महीने = 44,000 रुपये

ध्यान देने योग्य बात यह हैं कि यदि महंगाई भत्ता एव अन्य भत्ते में कोई बदलाव हुआ है, तो उस अवधि के लिए लागू महंगाई भत्ता का उपयोग किया जाएगा। आयकर, पेंशन योगदान जैसी कटौतियां भी एरियर की गणना में शामिल की जाएंगी। कुछ मामलों में, जैसे कि पदोन्नति या वेतन वृद्धि, एरियर की गणना में विशेष नियम लागू हो सकते हैं।

IFMS 3.0 पर विद्यालय बजट कैसे देखे –

IFMS 3.0 एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसका इस्तेमाल सरकारी स्कूलों और अन्य संस्थानों में वित्तीय लेनदेन को मैनेज करने के लिए किया जाता है। इसमें आप अपने स्कूल का बजट भी देख सकते हैं। IFMS 3.0 पर स्कूल का बजट देखने के लिए आप इन स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं जैसे –

  • सबसे पहले, आपको IFMS 3.0 पोर्टल पर अपने लॉगिन डिटेल्स के साथ लॉग इन करना होगा।
  • लॉग इन करने के बाद, आपको बजट मॉड्यूल ढूंढना होगा। यह आमतौर पर मेनू बार में या एक अलग टैब में होता है।
  • बजट मॉड्यूल में जाने के बाद, आपको अपने स्कूल का नाम या कोड चुनना होगा। इसके बाद, आप विभिन्न प्रकार के बजट विवरण देख सकते हैं, जैसे कि –
  • कुल बजट – आपके स्कूल को आवंटित कुल बजट
  • खर्च हुए पैसे – अब तक कितने पैसे खर्च हुए हैं
  • बचा हुआ बजट – आपके पास कितना बजट बचा हुआ है
  • बजट हेड वाइज विवरण – अलग-अलग मदों जैसे कि वेतन, मरम्मत, आदि के लिए कितना बजट आवंटित किया गया है ।

अब आप अपनी जरूरत के अनुसार विभिन्न प्रकार की रिपोर्ट्स जनरेट कर सकते हैं। या आप बजट विवरण का स्क्रीनशॉट ले सकते हैं ताकि आप बाद में इसे संदर्भ के लिए उपयोग कर सकें।

निष्कर्ष – IFMS 3.0 एक शक्तिशाली उपकरण है जो सरकारी संगठनों को अपने वित्तीय प्रबंधन को बेहतर बनाने में मदद करता है। सैलरी एरियर बिल बनाने की प्रक्रिया सरल और सीधी है, लेकिन कुछ तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता होती है। यदि आपको किसी भी समस्या का सामना करना पड़ता है, तो https://ifms.rajasthan.gov.in/ पर जाये या आप अपने विभाग से संपर्क कर सकते हैं। LRseju

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