बुध को प्रसन्न करने के उपाय, ग्रह हमारी जिंदगी को प्रभावित ही नहीं बल्कि बनाते है । ये ग्रह जन्म कुंडली मे जिन भावो मे बैठते है वैसा हमे बना देते हैं । ज्योतिष के अनुसार कुल नौ ग्रह है । हर ग्रह का अपना एक अलग अंदाज है, अलग स्वभाव है । उसी आधार पर जातक को प्रभावित करते है । उन्ही ग्रहो मे से बुध ग्रह भी एक है । यह एक सौम्य ग्रह है लेकिन जब जन्म कुंडली मे पापी ग्रहो शनि, राहु, केतु के साथ युति बना लेता है तो वैसा ही परिणाम देता हैं ।
यह एक ऐसा ग्रह हैं जो व्यक्ति को मनमोहक वाणी प्रदान करता है । मित्रो आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कोई भी ग्रह जन्म कुंडली मे अपनी स्थिति के अनुसार फल प्रदान करते है । यदि जन्म कुंडली मे तीसरी व छठी राशि मे बुध स्थित है तो आपको अच्छा परिणाम देते हैं । क्योंकि ये दोनो राशियाँ बुध के स्वामित्व वाली राशियाँ है । तो चलिए जानते हैं – बुध ग्रह क्या हैं –
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बुध ग्रह क्या हैं –
ज्योतिष के अनुसार, बुध ग्रह एक महत्वपूर्ण ग्रह है जो हमारे जीवन में कई तरह के प्रभाव डालता है। बुध ग्रह को ज्योतिष में “बुध” या “बुधदेव” कहा जाता है। इसका अर्थ है “बुद्धि” या “ज्ञान”। बुध ग्रह को बुद्धि और ज्ञान का ग्रह माना जाता हैं । बुध के देवता श्री गणेश जी माना है । इनका रंग हरा प्रतिक माना गया है । मानवीय रिश्तो मे साला साली, भुआ, ननन्द को बुध से जुड़े रिश्ते कहा गया हैं । वही इसे ग्रहो का राजकुमार कहा जाता हैं । इनकी महादशा 17 साल की होती हैं । लाल किताब के अनुसार बुध हमारी वाणी एवं व्यापार का कारक माना गया हैं । mercury के प्रभाव इस प्रकार से है –
- बुद्धि और ज्ञान – बुध ग्रह का प्रभाव हमारी बुद्धि और ज्ञान पर पड़ता है। यह हमें ज्ञान प्राप्त करने और समझने में मदद करता है।
- संचार – बुध ग्रह का प्रभाव हमारे संचार पर पड़ता है। यह हमें बोलने और लिखने में मदद करता है।
- वाणिज्य – बुध ग्रह का प्रभाव हमारे वाणिज्य पर पड़ता है। यह हमें व्यवसाय और वाणिज्य में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है। शेयर बाजार के बारे में भी इसी से देखा जाता हैं ।
- शिक्षा – बुध ग्रह का प्रभाव हमारी शिक्षा पर पड़ता है। यह हमें शिक्षा प्राप्त करने और ज्ञान बढ़ाने में मदद करता है।
लेकिन जन्म कुंडली में बुध जब अशुभ होते है उपरोक्त सभी शुभ प्रभाव समाप्त हो जाते हैं । जातक की वाणी खराब हो जाती हैं । उनकी बुद्धि विपरीत हो जाती हैं । याददस्त कमजोर होने लगती हैं । आपके व्यवसाय एव व्यापार मे नुकसान उठाना पड़ता हैं ।
बुध को प्रसन्न करने उपाय लाल किताब –
Mercury. को बुद्धि, वाणी और व्यापार का कारक माना जाता है। Birth Chart में बुध की अच्छी स्थिति व्यक्ति को बुद्धिमान, चतुर और सफल बनाती है। अगर बुध ग्रह कमजोर हो तो व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है जैसे कि कमजोर स्मरण शक्ति, वाणी मे खराबी, व्यापार में नुकसान आदि। बुध ग्रह जितना स्ट्रांग होगा बिजनेस एव व्यापार मे उतनी ही उन्नति होगी तो चलिए जानते हैं बुध को स्ट्रांग करने के उपाय –
- बुधवार का व्रत करे – बुधवार का व्रत रखने से बुध ग्रह प्रसन्न होते हैं। इस दिन हरी चीजें जैसे हरी सब्जियां, हरी दाल आदि का सेवन करना चाहिए।
- हरी मूंग का दान करे – बुधवार के दिन हरी मूंग का दान करना शुभ होता है।
- गणेश जी की पूजा करे – गणेश जी को बुध ग्रह का स्वामी माना जाता है। इसलिए बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा करने से बुध ग्रह प्रसन्न होते हैं।
- हरे रंग के वस्त्र धारण करना – बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र धारण करने से बुध ग्रह प्रसन्न होते हैं।
- बुधवार के दिन हरी घास खिलाएं – बुधवार के दिन गाय को हरी घास खिलाने से बुध ग्रह मजबूत होते हैं।
- शिवलिंग पर हरी मूंग अर्पित करें – बुधवार के दिन शिवलिंग पर हरी मूंग अर्पित करने से बुध ग्रह प्रसन्न होते हैं।
- बुध के बीज मंत्र का जाप: बुध के बीज मंत्र ऊं ब्रां ब्रीं ब्रौं स:बुधाय नम: का जाप 14 बार करना चाहिए।
- दुर्गा सप्तशती का पाठ: बुधवार के दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से बुध ग्रह की मजबूती के लिए प्रार्थना करें।
- हरे पौधे लगाएं – कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत बनाने के लिए अधिक से अधिक मोटे पत्ते वाले पौधे लगाएं या फिर ऐसे पेड़ पौधों का ही दान करें।
बुध को प्रसन्न करने व स्ट्रांग करने के उपाय –
ज्योतिष के अनुसार जब बुध ग्रह मजबूत होता है तो बुद्धि में वृद्धि, स्मरण शक्ति में सुधार, संचार कौशल में सुधार, व्यापार में वृद्धि, नौकरी में तरक्की व मानसिक शांति प्रदान करते है तो चलिए जानते हैं – बुध को स्ट्रांग करने के उपाय –
- बुध ग्रह से संबंधित रत्न धारण करें – पन्ना रत्न बुध ग्रह का रत्न है। इसे धारण करने से बुध ग्रह मजबूत होता है।
- बुध ग्रह से संबंधित यंत्र धारण करें – बुध यंत्र को धारण करने से बुध ग्रह मजबूत होता है।
- बुधवार के दिन हरी चीजें का सेवन करें – बुधवार के दिन हरी चीजें जैसे हरी सब्जियां, हरी दाल आदि का सेवन करना चाहिए।
- बुधवार के दिन हरी मूंग का दान करें – बुधवार के दिन हरी मूंग का दान करना शुभ होता है।
- बुध ग्रह को कमजोर करने वाले कारक – झूठ बोलना, चोरी करना, दूसरों को धोखा देना, बुरा बोलना आदि।
- बुध ग्रह को मजबूत करने वाले कारक – सत्य बोलना, दान करना, सेवा करना, पढ़ाई करना आदि।
अगर आपको बुध ग्रह से संबंधित कोई अन्य जानकारी चाहिए तो आप मुझसे पूछ सकते हैं।
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लाल किताब के अनुसार बुध को प्रसन्न करने के उपाय –
लाल किताब ज्योतिष शास्त्र की एक प्राचीन शाखा है जो ग्रहों के प्रभावों को कम करने और जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिए व्यावहारिक उपाय बताती है। बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी और व्यापार का कारक माना जाता है। अगर बुध ग्रह कमजोर हो तो व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लाल किताब में बुध को मजबूत करने के लिए कई सरल और प्रभावी उपाय बताए गए हैं। जैसे –
- रात में सिरहाने पानी रखना – रात को सोते समय अपने सिरहाने एक गिलास पानी रखें। सुबह उठकर इस पानी को पीपल के पेड़ में चढ़ा दें।
- हरी मूंग का दान – बुधवार के दिन हरी मूंग का दान करना शुभ माना जाता है।
- गाय को हरा चारा खिलाना – बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाने से बुध ग्रह मजबूत होता है।
- भेड़, बकरी और तोता न पालें – लाल किताब के अनुसार, बुध कमजोर होने पर भेड़, बकरी और तोता नहीं पालना चाहिए।
- चावल या दूध का दान – किसी धार्मिक स्थल पर चावल या दूध का दान करना शुभ होता है।
- कौवे को भोजन खिलाएं – नियमित रूप से कौवे को भोजन खिलाने से बुध ग्रह मजबूत होता है।
- शराब और मांस से परहेज – शराब और मांस का सेवन बुध ग्रह को कमजोर बनाता है, इसलिए इनसे परहेज करना चाहिए।
- सकारात्मक सोच – सकारात्मक सोच रखने से भी बुध ग्रह मजबूत होता है।
- रोज लिखने की आदत डाले – लेखन, सम्पादन बुध से जुड़ा कार्य है । रोज लिखने से बुध मजबूत होता हैं ।
- साली, ननंद का सम्मान करे – बुध मानवीय रिश्तो साला – साली, ननंद, भुआ का प्रतिनिधित्व करता हैं । इसलिए इनकी कदर करने से बुध मजबूत होता हैं ।
बुध को प्रसन्न करने के उपाय और मंत्र
बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी और व्यापार का कारक माना जाता है। अगर आपकी कुंडली में बुध कमजोर है तो आप कई तरह की समस्याओं का सामना कर सकते हैं जैसे कि कमजोर स्मरण शक्ति, संचार में समस्याएं, व्यापार में नुकसान आदि। बुध को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं, जिनमें मंत्र जाप भी एक महत्वपूर्ण उपाय है।
बुध के बीज मंत्र – ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नमः
गायत्री मंत्र – ॐ बुधाय नमः
विष्णु सहस्त्रनाम – विष्णु सहस्त्रनाम में बुध से संबंधित श्लोक का जाप
मंत्र जाप करने की विधि – इनके मंत्र जप के सबसे पहले दैनिक कार्यो से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें । उनके पश्चात साफ सुथरे स्थान पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें । इन मंत्रो का जप करने के लिये रुद्राक्ष या स्फटिक की माला का उपयोग करें । मंत्र का जाप 108 बार या अपनी इच्छानुसार करें।
मंत्र जाप सुबह के समय मंत्र जाप करने से सबसे अच्छा परिणाम मिलता है। वही बुधवार का दिन बुध ग्रह को समर्पित है, इसलिए इस दिन मंत्र जाप करना विशेष रूप से शुभ होता है।
बुध वार को क्या नहीं करना चाहिए –
बुधवार का दिन भगवान गणेश और बुध ग्रह को समर्पित होता है। इस दिन कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि बुध ग्रह प्रसन्न रहें और आपके जीवन में सुख-समृद्धि आए। बुधवार के दिन इन कार्यो को कभी नही करना चाहिए जैसे –
- अपशब्द न बोलें – बुध ग्रह वाणी का कारक है। इसलिए इस दिन किसी से बहस या झगड़ा न करें और अपशब्दों का प्रयोग करने से बचें।
- उधार का लेन-देन न करें – बुधवार के दिन किसी को उधार न दें और न ही किसी से उधार लें। ऐसा करने से आर्थिक समस्याएं हो सकती हैं।
- पश्चिम दिशा में यात्रा न करें – ज्योतिष के अनुसार, बुधवार के दिन पश्चिम दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं माना जाता।
- काले रंग के कपड़े न पहनें – काले रंग को शनि ग्रह से जोड़ा जाता है। इसलिए बुधवार के दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचें।
- गुरु और चंद्र के वृक्ष के नीचे न बैठें – इन वृक्षों के नीचे बैठने से बुध ग्रह के साथ विरोध हो सकता है।
- लड़की की माता को सिर न धोने दें – ऐसा करने से लड़की के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
- बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा करें, हरी चीजें का सेवन करें, हरी मूंग का दान करें एवं ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः” मंत्र का जाप करने से बुध ग्रह मजबूत होते हैं।
इन बातों का ध्यान रखकर आप बुध ग्रह को प्रसन्न कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि ला सकते हैं।
बुध की महादशा में अंतर्दशा के फल एवं उपाय –
बुध की महादशा व्यक्ति के जीवन में एक महत्वपूर्ण चरण होता है, जो बुद्धि, संचार, व्यापार और वाणी से जुड़ा फल देता है। इस 17 साल महादशा के दौरान, अन्य ग्रहों की अंतर्दशाएं बुध के प्रभाव को प्रभावित करती हैं और व्यक्ति के जीवन में अलग-अलग तरह के परिणाम लाती हैं। यह महादशा 17 साल की होती हैं ।
इन सभी ग्रहों की अंतर्दशा का प्रभाव अलग-अलग होता है, जैसे कि बुध की अंतर्दशा में बुद्धि में वृद्धि, लेखन कौशल में निखार, व्यापार में सफलता, संचार कौशल में सुधार होता है। सूर्य की अंतर्दशा में आत्मविश्वास में वृद्धि, नेतृत्व क्षमता, सरकारी नौकरी में सफलता मिलती है। चंद्रमा की अंतर्दशा में भावनात्मक स्थिरता, माता से संबंध मजबूत, रचनात्मक कार्यों में रुचि बढ़ती है।
इनकी महादशा में अंतर्दशाओं के प्रभाव को प्रभावित करने वाले कारक ग्रहों की स्थिति, राशि, नक्षत्र, और गोचर होते हैं। इस ग्रह की महादशा में अंतर्दशा मे बुध को प्रसन्न करने के उपाय करने से नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है ।
बुध की महादशा में राहु की अंतर्दशा का फल व उपाय –
बुध की महादशा में राहु की अंतर्दशा एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना है जो जातक के जीवन में कई तरह के परिवर्तन ला सकती है। इस अवधि मे व्यक्ति को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि भ्रम की स्थिति, सही निर्णय लेने में दिक्कत, वैवाहिक जीवन में गलतफ़हमियां, मानसिक तनाव और चिंता, वाणी दोष, स्वास्थ्य समस्याएं और अधिक मेहनत करने के बाद भी कम फलो का मिलना आदि ।
हालांकि, अगर जातक इस दौरान मेहनत करता है और हार नहीं मानता है, तो उसे कई शुभ फल मिल सकते हैं। इस दौरान, जातक को कुछ उपाय करने चाहिए, जैसे कि –
- भगवान विष्णु को पीले फूल, चंदन, धूप, और अगरबत्ती चढ़ाना
- ‘ओम ब्राम ब्रीम ब्रौम सः बुधाय नमः’ या ‘ओम बुद्धाय नमः’ मंत्र का रोज़ 108 बार जाप करना
बुधवार को हरे रंग या हल्के हरे रंग के कपड़े पहनना
बुध की महादशा में राहु की अंतर्दशा दो साल, छह महीने, और 18 दिन की होती है, इसलिए जातक को इस दौरान धैर्य और मेहनत के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
बुध की महादशा में केतु की अंतर्दशा के उपाय –
लाल किताब के अनुसार बुध की महादशा में केतु की अंतर्दशा एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय परिवर्तन है जो व्यक्ति के जीवन में कई तरह के बदलाव लाती है। इस अवधि मे व्यक्ति को मानसिक तनाव और चिंता का सामना करना पड़ सकता है । वही व्यक्ति को बोलने की समस्या, व्यापार / बिज़नेड में समस्याएं, स्वास्थ्य समस्याएं, धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में रुचि आदि फल मिल सकते हैं ।
इस महादशा में केतु की अंतर्दशा के दौरान उपाय की बात करे तो केतु की पूजा करने से व्यक्ति को केतु की अंतर्दशा के दौरान होने वाली समस्याओं से बचने में मदद मिल सकती है। केतु मंत्र का जाप करने, बुधवार का व्रत रखने, हरे रंग दान एव वस्त्र धारण करने से लाभ होता हैं । वही धार्मिक कार्यो मे योगदान देने से भी बुध ग्रह प्रसन्न होते हैं ।
बुध की महादशा में शनि की अंतर्दशा के उपाय –
बुध की महादशा में शनि की अंतर्दशा एक जटिल योग है जो व्यक्ति के जीवन में कई तरह के बदलाव ला सकता है। इस अवधि में व्यक्ति को कठिन परिश्रम करना पड़ सकता है, धैर्य की परीक्षा देनी पड़ सकती है, और बाधाएं आ सकती हैं। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, एकलता, कानूनी मामले और व्यापार में उतार-चढ़ाव भी हो सकते हैं।
हालांकि, कुछ उपाय करके व्यक्ति इस अवधि को सफलतापूर्वक पार कर सकता है। शनि देव की पूजा, हनुमान जी की पूजा, शनि यंत्र धारण करना, काले का दान, गरीबों को भोजन दान, पीपल के पेड़ की सेवा, बुधवार का व्रत, हरी मूंग का दान, और योग और ध्यान करना कुछ उपयोगी उपाय हो सकते हैं।
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बुध की महादशा में गुरु की अंतर्दशा का फल व उपाय –
बुध की महादशा में गुरु की अंतर्दशा एक अनुकूल संयोजन माना जाता है, जो व्यक्ति को कई सकारात्मक परिणाम दे सकता है। इस अवधि में व्यक्ति की बुद्धि में वृद्धि होगी, धार्मिक रुचि बढ़ सकती है, यात्रा के योग बन सकते हैं, धन लाभ होने की संभावना है, समाज में सम्मान बढ़ सकता है, विवाह और संतति प्राप्ति के योग बन सकते हैं। यह अंतर्दशा 2 साल 1 महीने की होती हैं ।
कुछ उपाय करके व्यक्ति इस अवधि का लाभ उठा सकता है, जैसे कि गुरु मंत्र का जाप, पीले रंग के वस्त्र धारण करना, पीले रंग के फूल चढ़ाना, गुरुवार का व्रत रखना, गरीब बच्चों को शिक्षा दान करना, पीले फल का दान करना, ब्रह्मचारियों को भोजन दान करना, बुधवार का व्रत रखना और हरी मूंग का दान करना आदि उपाय लाभदायक हो सकते हैं ।
बुध की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा का फल एवं उपाय –
Budh ki mahadasha में शुक्र की अंतर्दशा एक अनुकूल संयोजन होता है, जो व्यक्ति को कई सकारात्मक परिणाम दे सकता है। इस अवधि में व्यक्ति अधिक आकर्षक और लोकप्रिय हो सकता है, कला, संगीत और साहित्य में रुचि बढ़ सकती है, वैवाहिक जीवन सुखद होगा, समाज में मान-सम्मान बढ़ सकता है, धन लाभ होने की संभावना है, जीवन में सुख-सुविधाएं बढ़ेंगी, और यात्राओं के योग बन सकते हैं।
कुछ उपाय करके व्यक्ति इस अवधि का लाभ उठा सकता है, जैसे कि शुक्र मंत्र का जाप, सफेद रंग के वस्त्र धारण करना, सफेद रंग के फूल चढ़ाना, शुक्रवार का व्रत रखना, गरीब महिलाओं को कपड़े दान करना, सफेद मूंगा धारण करना, बुधवार का व्रत रखना, और हरी मूंग का दान करना।
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बुध की महादशा में मंगल की अंतर्दशा के फल एवं उपाय –
बुध की महादशा में मंगल की अंतर्दशा एक मिश्रित फल देने वाली अवधि होती है, जो व्यक्ति के जीवन में कई तरह के बदलाव ला सकती है। इस अवधि में व्यक्ति में ऊर्जा और उत्साह का स्तर बढ़ सकता है, साहसी बन सकता है, लेकिन क्रोध पर नियंत्रण रखना होगा। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, विवाद और यात्राएं भी हो सकती हैं।
कुछ उपाय करके व्यक्ति इस अवधि का लाभ उठा सकता है, जैसे कि हनुमान जी की पूजा, मंगलवार का व्रत रखना, लाल रंग के वस्त्र धारण करना, मसूर की दाल का दान करना, गरीबों को लोहे की वस्तुएं दान करना, योग और व्यायाम करना, क्रोध पर नियंत्रण रखना, बुधवार का व्रत रखना और हरी मूंग का दान करना आदि उपाय से बुध को प्रसन्न कर सकते हैं ।
निष्कर्ष – यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कुंडली का विश्लेषण करना और ज्योतिषी से परामर्श लेना सबसे अच्छा होता है। इससे व्यक्ति को व्यक्तिगत उपायों के बारे में अधिक जानकारी मिल सकती है। धैर्य रखना भी बहुत जरूरी है, क्योंकि यह अवधि चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन यह हमेशा के लिए नहीं रहेगी।