धातु गाढ़ा करने की आयुर्वेदिक दवा – आज के भागदौड़ भरे जीवन ने अनेक प्रकार की प्रॉब्लम को जन्म दिया है । उनमे से धातु से जुड़ी प्रॉब्लम एक है । असल जब धातु पतला हो जाता हैं या शुक्राणुओ की कमी हो जाती हैं तो प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता हैं । असल मे धातु आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण शब्द है। यह शरीर के उस तत्व को संदर्भित करता है जो पुरुष प्रजनन क्षमता से जुड़ा हुआ है। आयुर्वेद के अनुसार, पुरुष धातु शुक्र तत्व से बनती है और यह पुरुषों में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
आम बोलचाल मे धातु को शुक्राणुओं से जोड़ा जा सकता है। आयुर्वेद में इसे शरीर के उस तत्व के रूप में देखा जाता है जो प्रजनन क्षमता, शारीरिक ताकत और पुरुषत्व को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वही धातु प्रजनन क्रिया, शारीरिक ताकत, सहनशक्ति, मानसिक स्वास्थ्य एव कामेच्छा के लिए आवश्यक तत्व माना जाता है । इसमे किसी प्रकार कमी होने पर एक पुरुष को अनेक प्रकार समस्याओ का सामना करना पड़ता है । धातु जितना गाढ़ा हो उतना ही बेहतर होता हैं तो चलिए जानते हैं – धातु विकार के बारे में –
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वीय पतला क्यो होता हैं
वीय यानी धातु के गाढ़े न होने के कई कारण हो सकते हैं। यह एक जटिल विषय है और इसका कारण व्यक्ति से व्यक्ति में भिन्न हो सकता है। जैसे –
- वृषण प्रॉब्लम – वृषण में किसी भी प्रकार की चोट या संक्रमण, जैसे कि अंडकोष का मरोड़ (testicular torsion) या मम्प्स, स्पर्म प्रोडेक्शन को प्रभावित कर सकते हैं।
- वरिकोसील (Varicocele) – वृषण की नसों की सूजन जिससे शुक्राणु प्रोडक्शन में कमी हो सकती है।
- हार्मोनल असंतुलन – टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन का कम स्तर शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित कर सकता है।
- पोषण की कमी – कुछ पोषक तत्वों की कमी जैसे कि विटामिन डी, जिंक, सेलेनियम आदि शुक्राणुओं की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं।
- दवाओं का दुष्प्रभाव – कुछ दवाएं शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित कर सकती हैं।
- जीवनशैली – धूम्रपान, शराब का सेवन, मोटापा, तनाव, कम नींद आदि भी शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं।
इनके अलावा स्ट्रेस भी धातु उत्पादन की प्रक्रिया को बाधित करता है । आयुर्वेद के अनुसार, धातु दोष के कारण पुरुष धातु कमजोर हो सकती है। पाचन शक्ति कमजोर होने से भी धातु पर प्रभाव पड़ सकता है। इस प्रकार धातु के पतले होने से नाईट फॉल, कामेच्छा की कमी एव शारीरिक कमजोरी का आभास होता हैं ।
धातु गाढ़ा करने की आयुर्वेदिक दवा –
पुरुषों के पुरुषत्व को परिभाषित करने वाला धात जिसे धातु, वीय आदि के नामो से जाना जाता है । यह तत्व प्रजनन क्रिया सम्पन्न करने मे मुख्य भूमिका निभाता है । बल्कि यह सबसे महत्वपूर्ण भी हैं । इनकी कमी या पतलापन होने पर एक पुरुष की पर्सनल लाइफ खतरे में पड़ जाती हैं । यानी पुरुष पिता नहीं बन सकता हैं । इनके ट्रीटमेंट के लिए आयुर्वेद ने अनेको जड़ी बुटियों के नाम सुझाये है । वही बहुत सारे आयुर्वेदिक दवा निर्माताओं ने इन प्राकृतिक औषधियों के मिश्रण से विभिन्न दवाओ का निर्माण किया है । हलाकि वीय गाढ़ा करने की दवा पतंजलि के बारे में पिछले लेख मे बता चुके हैं ।
आज के लेख मे हम कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बुटियों का वर्णन करते हुए कुछ आयुर्वेदिक लोकप्रिय दवाओं के बारे में चर्चा करने जा रहे है । जो आपके लिए न केवल प्रभाव शाली होगी बल्कि किफायती भी । ये दवाएं आपकी नजदीकी मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध हो जाएगी । तो चलिए जानते हैं – धात को गाढ़ा करने की दवा के बारे में –
अश्वगंधा – धातु गाढ़ा करने की आयुर्वेदिक दवा –
इसे आयुर्वेद में एक अत्यंत महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी माना जाता है। यह न केवल शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती है बल्कि पुरुषों में धातु को गाढ़ा करने में भी अत्यंत प्रभावी है । यह पुरुषों मे टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को बढ़ाकर पुरुष हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है। यह तनाव को कम करके शुक्राणुओं की गुणवत्ता में सुधार करता है। इनका सेवन करने से स्पर्म की संख्या और गतिशीलता को बढ़ाकर प्रजनन क्षमता में सुधार करता है। वही शारीरिक दृष्टी से भी हष्ट पुष्ट बनाता है ।
अश्वगंधा को विभिन्न रूपों में लिया जा सकता है जैसे:
- चूर्ण – Ashwagandha Churn को गर्म दूध या पानी के साथ मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
- कैप्सूल – Ashwagandha tablet को डॉक्टर की सलाह के अनुसार लिया जा सकता है।
- टिंचर – अश्वगंधा टिंचर को पानी में मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
- जूस – अश्वगंधा की जड़ का जूस पीने से वीर्य की मात्रा बढ़ती है और शुक्राणुओं की गतिशीलता भी बढ़ती है ।
इन का सेवन करने का सही तरीका जानने के लिए हमेशा डॉक्टर या आयुर्वेदिक वैध से सलाह लें। कुछ दवाओं के साथ अश्वगंधा का सेवन हानिकारक हो सकता है । अश्वगंधा का अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट खराब, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
गोक्षुरा (Tribulus Terrestris) – धातु गाढ़ा करने की आयुर्वेदिक दवा –
गोक्षुरा, जिसे ट्रिबूलस टेरेस्ट्रिस भी कहा जाता है, एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो पुरुषों में धातु को गाढ़ा करने के लिए सदियों से इस्तेमाल की जाती रही है। यह जड़ी बूटी टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने, यौन इच्छा को बढ़ाने और प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करती है। इनका नियमित रूप से सेवन पर पुरुष हार्मोन, स्पर्म काउंट की प्रॉब्लम, तनाव से राहत एव सहनशक्ति को बढ़ाता है । इनका नियमित रूप से सेवन करने पर वीय / धातु गाढ़ा होता है । वही उत्तेजना भी बढ़ती है ।
गोक्षुरात का उपयोग चूर्ण, टेबलेट, कैप्सूल या पॉवडर के रूप मे किया जा सकता है । गोक्षुरा की खुराक व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य और स्थिति के आधार पर भिन्न हो सकती है। आमतौर पर, 250-500 मिलीग्राम प्रति दिन की खुराक सुरक्षित मानी जाती है।
गोक्षुरा एक प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका है जिसके द्वारा पुरुष धातु को गाढ़ा किया जा सकता है। हालांकि, गोक्षुरा का सेवन करने से पहले डॉक्टर या आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना जरूरी है।
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कपिकच्छू (कौंच) – धातु गाढ़ा करने की आयुर्वेदिक दवा –
कौंच आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी है जो पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए सदियों से इस्तेमाल की जाती रही है। यह धातु को गाढ़ा करने और प्रजनन शक्ति बढ़ाने में काफी प्रभावी माना जाता है। टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को बढ़ाकर पुरुष हार्मोन को संतुलित करने में मदद करता है। वही स्पर्म की गतिशीलता को बढ़ाकर संतुष्टि पुर्वक जीवन प्रदान करता हैं । इनका सेवन दूध या पानी के साथ किया जा सकता है ।
कपिकच्छू की खुराक व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य और स्थिति के आधार पर भिन्न हो सकती है। आमतौर पर, 250-500 मिलीग्राम प्रति दिन की खुराक सुरक्षित मानी जाती है। इनका नियमित रुप से सेवन करने पर धातु रोग से निजात मिलती हैं । वही स्पर्म बढ़ाने के लिए भी कारगर है । यह कामेच्छा को बढ़ाकर नपुंसकता जैसी प्रॉब्लम से भी राहत देता है । वही शारीरिक दृष्टि से भी हष्ट पुष्ट बनाकर थकान व कमजोरी को दूर करता है ।
अन्य महत्वपूर्ण जड़ी-बूटीयां जैसे शतावरी, सफेद मूसली, शिलाजीत, विधारा जैसे कई अन्य जड़ी-बूटीयां भी धातु गाढ़ा करने व स्पर्म बढ़ाने में मदद कर सकती हैं।
लहसुन – वीय को गाढ़ा करने व स्पर्म बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा –
लहसुन सिर्फ स्वादिष्ट मसाला ही नहीं, बल्कि कई स्वास्थ्य लाभों से भरपूर है। आयुर्वेद में भी लहसुन को कई बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हाल ही के अध्ययनों से पता चला है कि लहसुन पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकता है और यह धातु गाढ़ा करने की आयुर्वेदिक दवा में मदद कर सकता है। जैसे –
- लहसुन में मौजूद कुछ यौगिक टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। टेस्टोस्टेरोन पुरुषों का प्रमुख सेक्स हार्मोन है और यह वीर्य की गुणवत्ता और मात्रा को प्रभावित करता है।
- लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं। एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली सेक्स हार्मोन के उत्पादन को बढ़ावा दे सकती है ।
- लहसुन रक्त संचार को बेहतर बनाता है जिससे शरीर के सभी अंगों तक पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचते हैं। यह शुक्राणुओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
- लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट्स ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं जो शुक्राणुओं को नुकसान पहुंचा सकता है।
इनका सेवन कच्चे लहसुन कली, खाने से शामिल करके, लहसुन की चाय बना कर या लहसुन तेल के रूप मे कर सकते हैं । ध्यान रखे की इनका सेवन निर्धारित खुराक के रूप मे करे । अत्यधिक मात्रा मे सेवन करने से पेट की प्रॉब्लम हो सकती हैं ।
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धातु रोग की टेबलेट –
धातु से जुड़ी प्रॉब्लम जैसे पतला होना, पेशाब के साथ गिरना, स्वप्न दोष आदि आयुर्वेद के अनुसार धातु रोग माने जाते हैं । इनके निवारण के लिए उपर लिखित दवाओं के अलावा हम धातु गाढ़ा करने की आयुर्वेदिक दवा अन्य दवाओं के बारे में बता रहे है । ये दवाएं उपयोगी एव किफायती है जैसे –
- शिलाजीत – तनाव कम करता है, प्रजनन शक्ति बढ़ाता है, प्रजनन क्षमता में सुधार करता है। जिससे धातु रोग मे सुधार होता हैं । शरीर मे थकान दूर होती है लेकिन अधिक मात्रा में लेने से पेट खराब, उल्टी और दस्त हो सकते हैं।
- शतावरी – धातु को पोषण देती है, पाचन में सुधार करती है, स्त्री रोगों में फायदेमंद है। वही यह पुरुषों के लिए भी लाभकारी है । मार्केट में इनके चूर्ण, टेबलेट एव कैप्सूल उपलब्ध है ।
- कामधेनु गूगुल – धातु को गाढ़ा करता है जिससे धातु से जुड़ी समस्त प्रॉब्लम से निजात मिल जाती हैं । यह दवा प्रजनन शक्ति बढ़ाता है । जोड़ों के दर्द में राहत देता है। लेकिन अधिक खुराक लेने से पेट खराब, जलन और दस्त हो सकते हैं।
- यौवनामृत वटी – युवाओं को बनाए रखता है, धातु को मजबूत करता है, थकान दूर करता है। लेकिन अधिक मात्रा में लेने से नींद न आना और चक्कर आना हो सकता है।
- अभ्यारिष्ट – धातु को गाढ़ा करने साथ साथ शुक्राणुओ की गुणवत्ता को भी बढ़ाते हैं । वही प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, त्वचा के लिए अच्छा होता है। लेकिन मधुमेह के रोगियों को सावधानी से लेना चाहिए।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इन दवाओं को किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के बाद ही लेना चाहिए। साथ ही, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना भी बहुत जरूरी है।
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हिमालय स्पैमन टेबलेट – वीय को गाढ़ा करने की दवा Himalaya.
यह एक आयुर्वेदिक दवा है जो पुरुषों के प्रजनन विकारो को दूर करने के लिए जानी जाती है। यह दवा वीय की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार करने में मदद कर सकती है। इस में कई जड़ी-बूटियाँ होती हैं जो मिलकर काम करती हैं और पुरुष प्रजनन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं। यह दवा धातु गाढ़ा करने की आयुर्वेदिक दवा के रूप में लाभदायक है । जैसे –
- यह शुक्राणुओं की संख्या को बढ़ाकर वीर्य की मात्रा को बढ़ाता है। जिससे धातु विकार दूर होते हैं ।
- यह शुक्राणुओं की गतिशीलता को बढ़ाकर उन्हें अंडाणु तक पहुंचने में मदद करता है।
- यह प्रोस्टेट स्वास्थ्य को बेहतर बनाकर प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। वही व्यक्ति की कामेच्छा भी बढ़ती है ।
स्पैमन की खुराक डॉक्टर की सलाह के अनुसार लेनी चाहिए। आमतौर पर, इसे दिन में दो बार एक-एक गोली खाने की सलाह दी जाती है। इसे भोजन के बाद पानी के साथ निगल लें। यदि किसी घटक से एलर्जी है तो इनका सेवन न करे ।
इनके अलावा वीय गाढ़ा करने के लिए हिमालय टेंटेक्स फोर्ट, हिमालय गोक्षुरा टेबलेट, अश्वगंधा टेबलेट एव कॉन्फिडो टेबलेट बहुत ही उपयोगी दवा है ।
धातु विकार के घरेलू उपाय –
जब धातु के असंतुलन से कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे स्वप्न दोष, पेशाब के साथ धातु आना, शारीरिक रूप से कमजोरी एव प्रजनन क्षमता मे कमी आदि । इन सभी प्रॉब्लम को दूर करने के लिए धातु गाढ़ा करने की आयुर्वेदिक के अलावा कुछ घरेलू उपाय है जैसे –
- पूरक आहार जैसे दूध, दही, पनीर, सूखे मेवे, हरी पत्तेदार सब्जियां आदि का सेवन करना चाहिए।
- जीवनशैली -नियमित व्यायाम, योग, ध्यान, पर्याप्त नींद और तनाव मुक्त जीवन जीना चाहिए।
- नियमित जांच – नियमित रूप से बॉडी चेक अप करवाएं।
- तनाव मुक्त रहें – तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान या अन्य गतिविधियों का अभ्यास करें।
- दमियना – यह वीय की घटती संख्या के लिए उपयोगी जड़ी-बूटी है.
- ग्रीन टी – इसमें एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा ज़्यादा होती है, जो शुक्राणु कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने वाले मुक्त कणों को बेअसर करती है ।
निष्कर्ष – आज के लेख धातु गाढ़ा करने की आयुर्वेदिक दवा के बारे मे आवश्यक दवाओं के बारे में बताया गया है । यह दवा पतंजलि, हिमालय एव बैद्यनाथ या अन्य किसी ब्रांड की हो सकती है । आज लेख मे केवल शैक्षणिक उद्देश्य से जानकारी दी म यदि कोई भी दवा सेवन करना चाहते हैं तो योग्य वैध से परामर्श लेना हितकर समझे ।