धातु रोग की टेबलेट Patanjali, Himalaya, बैद्यनाथ व 5 सबसे अच्छी दवा

dhatu rog ki tablet.

धातु रोग की टेबलेट Patanjali, Himalaya, आपने कभी पेशाब के साथ चिपचिपा सा तरल पदार्थ गिरते हुए देखा होगा ? या फिर यों कहे कि सुबह सुबह पेशाब के बाद लार को टपकते हुए देखा होगा ? जी हा यह एक धात रोग है । आयुर्वेद ने इसे शुक्रमेह नाम से पुकारा जाता हैं । असल यह प्रॉब्लम कोई बड़ी बीमारी नहीं है । यह पुरुष प्रजनन से जुड़ी समस्या है । 

धातु रोग ( Dhat Syndrome ) एक ऐसी समस्या है जो मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में देखी जाती है। यह एक मानसिक और शारीरिक विकार है जिसमें व्यक्ति को बिना किसी उत्तेजना के वीर्य का स्वतः स्खलन होने लगता है। यह समस्या व्यक्ति को मानसिक रूप से बहुत परेशान करती है और शारीरिक कमजोरी का कारण बन सकती है। एक्सपर्ट के मुताबिक यह प्रॉब्लम खानपान से बदलाव करके बचा जा सकता हैं तो चलिए जानते हैं – पुरुष धातु रोग की दवा के दवा के बारे में –

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धातु रोग के कारण –

यह एक ऐसी प्रॉब्लम हैं जो किसी भी उम्र में कभी भी हो सकती हैं । डॉक्टर्स ने मानसिक एव शारीरिक रूप में माना गया है । धातु रोग के सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हुए हैं, लेकिन कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार है –

  1. तनाव और चिंता – अधिक तनाव और चिंता धातु रोग का एक प्रमुख कारण है।
  2. अस्वस्थ जीवनशैली – अनियमित नींद, खराब आहार, और शराब या धूम्रपान का सेवन धातु रोग को बढ़ावा दे सकता है।
  3. शारीरिक कमजोरी – शरीर में पोषक तत्वों की कमी से भी धातु रोग हो सकता है।
  4. अत्यधिक हस्तमैथुन – हालांकि यह एक मिथक है कि हस्तमैथुन से धातु रोग होता है, लेकिन अत्यधिक हस्तमैथुन से यह समस्या बढ़ सकती है।
  5. मनोवैज्ञानिक कारण – कम आत्मविश्वास, सामाजिक दबाव और शारीरिक संबंधों को लेकर चिंता भी धातु रोग का कारण बन सकती है।

इनके अलावा गंदे विचार, अधिक पोर्न वीडियोस देखना या अत्यधिक उत्तेजना रखना आदि हो सकता हैं । इनके लक्षणों की बात करे तो थकान, कमजोरी, वजन कम होना, स्ट्रेस, सर दर्द, बॉडी पेन एव नींद की कमी हो सकते हैं । ये लक्षण तभी दिखाई देते हैं जब यह प्रॉब्लम अधिक बढ़ जाती हैं । जब बीज को रोकने में मुश्किल हो रही हो ।

धातु रोग की टेबलेट –

इस रोग का व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह व्यक्ति को शारीरिक रूप से कमजोर बनाता है और मानसिक रूप से परेशान करता है। इसके परिणामस्वरूप व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में कई कठिनाइयों का सामना कर सकता है।

Dhatu रोग का इलाज संभव है। इसका इलाज आयुर्वेद, होम्योपैथी और एलोपैथी जैसी विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों से किया जा सकता है। इलाज के साथ-साथ जीवनशैली में बदलाव भी बहुत महत्वपूर्ण है। वही मार्केट में बहुत दवाइयां / टेबलेट उपलब्ध है । आज के लेख में हम कुछ टेबलेट के बारे में बात करने वाले है –

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धातु रोग की टेबलेट Patanjali.

यह रोग एक ऐसी समस्या है जिसके लिए आयुर्वेद में कई प्रभावी उपचार उपलब्ध हैं। पतंजलि जैसी आयुर्वेदिक कंपनियां इस समस्या के लिए कई तरह की जड़ी-बूटियों और औषधियों का मिश्रण तैयार करती हैं। आइए जानते हैं धातु रोग की पतंजलि टेबलेट के बारे में –

  1. पतंजलि शिलाजीत कैप्सूल – यब एक प्राकृतिक खनिज है जो शारीरिक शक्ति बढ़ाने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है। यह शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है और तनाव को कम करता है, जो धातु रोग में बहुत फायदेमंद होता है।
  2. पतंजलि अश्वगंधा चूर्ण – यह एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो तनाव को कम करने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और हार्मोन के स्तर को संतुलित करने में मदद करती है। वही तनाव को कम करके और हार्मोन के स्तर को संतुलित करके धातु रोग में लाभकारी हो सकता है।
  3. पतंजलि शतावरी चूर्ण – यह एक महिलाओं के लिए फायदेमंद जड़ी-बूटी मानी जाती है, लेकिन यह पुरुषों के लिए भी कई फायदे प्रदान करती है। यह शरीर को शक्ति प्रदान करती है और तनाव को कम करती है। यही कारण हैं कि यह धातु रोग में लाभकारी हो सकती है।
  4.  पतंजलि गोखशूरा चूर्ण – यह मूत्र तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद है और यह प्रजनन स्वास्थ्य में भी सुधार करता है। जो धातु रोग में लाभकारी हो सकता है।
  5. पतंजलि कायाकल्प वटी – यह वटी एक आयुर्वेदिक दवा है जो शरीर को पुनर्जीवित करने में मदद करती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर धातु रोग में लाभकारी हो सकती है।

धातु रोग की टेबलेट Himalaya

हिमालय के पास कई ऐसे दवा हैं जो विभिन्न जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बने होते हैं और ये धातु रोग के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, किसी भी उत्पाद का उपयोग करने से पहले अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूर लें। इन दवाओं के नाम इस प्रकार –

  1.  हिमालय स्पेमन – यह एक आयुर्वेदिक उत्पाद है जो पुरुषों के प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है। इसमें कई जड़ी-बूटियां शामिल होती हैं जो शुक्राणु की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार करने में मदद कर सकती हैं। यह धातु रोग के कुछ लक्षणों जैसे कमजोरी और थकान को कम करने में भी मदद कर सकता है।
  2. हिमालय तेनटेक्स फोर्ट -यह पुरुषों में प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक उत्पाद है। यह शारीरिक शक्ति को बढ़ाने और कामेच्छा को बढ़ाने में मदद करता है। यह धातु रोग की बेस्ट टेबलेट है ।
  3. हिमालय पाइलेक्स – यह मुख्य रूप से बवासीर के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन इसमें शामिल कुछ जड़ी-बूटियां सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकती हैं जो धातु रोग से जुड़े हो सकते हैं।
Dhatu rog ki tablet patanjali and Himalaya.
धातु रोग की टेबलेट

धातु रोग की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से कई तरह की परेशानियां होती हैं। इनके आयुर्वेदिक दवा काफी उपयोगी हो सकती हैं जैसे –

  1. पतंजलि चंद्रप्रभा वटी – यह वटी मूत्र संबंधी समस्याओं, मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द और सामान्य कमजोरी का इलाज करती है। धातु रोग में मूत्र संबंधी समस्याएं आम हैं, चंद्रप्रभा वटी इन समस्याओं को दूर करने में मदद करती है।
  2. पतंजलि यौवनामृत – यह दवा शीघ्रपतन, कमजोरी और स्टेमिना बढ़ाने में मदद करती है। धातु रोग में प्रजनन शक्ति में कमी एक आम समस्या है, यौवनामृत इस समस्या को दूर करने में मदद करता है।
  3. शिलाजीत गोल्ड कैप्सूल – शिलाजीत शरीर को शक्ति प्रदान करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह धातु रोग में होने वाली कमजोरी को दूर करने में अत्यंत प्रभावी है।
  4. कॉन्फिडो टेबलेट – यह टेबलेट पुरुषों में प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती है। यह शीघ्रपतन और नपुंसकता जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करती है।
  5. मकरध्वज वटी – यह वटी शरीर को शक्ति प्रदान करती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। यह धातु रोग में होने वाली कमजोरी को दूर करने में अत्यंत प्रभावी है। यह धातु रोग की सबसे अच्छी टेबलेट है ।

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धातु रोग की दवा बैद्यनाथ –

आयुर्वेद में पुरुष धातु रोग के उपचार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। आइए इन दवाओं के बारे में विस्तार से जानें और समझें कि ये धातु रोग में किस प्रकार लाभदायक होती हैं जैसे –

  1. बैद्यनाथ स्वर्णप्राति – सोना एक अद्भुत धातु है जो शरीर को शक्ति प्रदान करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह धातु रोग में होने वाली कमजोरी को दूर करने में अत्यंत प्रभावी है। यह शरीर में ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।
  2. बैद्यनाथ जतीफलादी वटी – इसमे मौजूद जड़ी-बूटियाँ पाचन तंत्र को मजबूत बनाती हैं। यह दवा अग्नि (पाचन शक्ति) को बढ़ाती है जिससे भोजन का पाचन बेहतर होता है। धातु रोग में अक्सर पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं। जतीफलादी बाटी इन समस्याओं को दूर करके धातु रोग के उपचार में सहायक होती है।
  3. बैद्यनाथ धतुपौष्टिक चूर्ण – यह चूर्ण धातु को आवश्यक पोषण प्रदान करता है जिससे शरीर स्वस्थ रहता है। यह शारीरिक शक्ति बढ़ाता है और थकान को दूर करता है। धातु रोग में शरीर कमजोर हो जाता है। यह चूर्ण शरीर को मजबूत बनाकर धातु रोग के उपचार में सहायक होता है।
  4. बैद्यनाथ स्वपनदोष हरि – यह दवा स्वप्नदोष की समस्या को दूर करने में अत्यंत प्रभावी है। यह तनाव और चिंता को कम करके नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है। स्वप्नदोष धातु रोग का एक लक्षण हो सकता है। स्वपनदोष हरि इस समस्या को दूर करके धातु रोग के उपचार में सहायक होता है।

इन का आयुर्वेदिक उपचार में एक समग्र दृष्टिकोण होता है। इसमें दवाओं के साथ-साथ आहार, योग, ध्यान और जीवनशैली में बदलाव भी शामिल होते हैं।

धातु रोग की अंग्रेजी दवा व एलोपैथिक इलाज –

इस रोग के इलाज में एलोपैथिक चिकित्सा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह कई तरह के दवाओं और उपचारों का उपयोग करती है जो लक्षणों को कम करने और मूल कारण का इलाज करने में मदद करते हैं। तो चलिए जानते हैं – अंग्रेजी दवा के बारे में –

  1. आयरन सप्लीमेंट्स – यह शरीर के लिए आवश्यक खनिज है। इसकी कमी से थकान, कमजोरी और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। धातु रोग में आयरन की कमी आम है, इसलिए आयरन सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं।
  2. विटामिन बी12 सप्लीमेंट्स – यह तत्व तंत्रिका तंत्र के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से कमजोरी, थकान और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। धातु रोग में विटामिन बी12 की कमी भी आम है, इसलिए विटामिन बी12 सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं। यह धातु रोग की सबसे अच्छी दवा टेबलेट हो सकती हैं ।
  3. फोलिक एसिड सप्लीमेंट्स – यह रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से एनीमिया हो सकता है। धातु रोग में फोलिक एसिड की कमी भी आम है, इसलिए फोलिक एसिड सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं।
  4. हार्मोनल थेरेपी – हॉर्मोन्स का असंतुलन धातु रोग का एक कारण हो सकता है। हार्मोनल थेरेपी का उपयोग हार्मोन के स्तर को संतुलित करने के लिए किया जाता है।
  5. अन्य दवाएं जैसे एंटीडिप्रेसेंट्स, एंटीसायकोटिक्स, अल्फा ब्लॉकर्स आदि जो मूड स्विंग और चिंता को कम करने में एव मूत्राश्य की मासपेशियों को आराम देने मे मदद करती हैं।

यह रोग एक गंभीर समस्या है जिसका इलाज किया जा सकता है। एलोपैथिक चिकित्सा धातु रोग के लक्षणों को कम करने और मूल कारण का इलाज करने में मदद कर सकती है। यदि आपको धातु रोग है, तो किसी योग्य डॉक्टर से परामर्श लें।

Dhatu rog ki dawa.
धातु रोग की टेबलेट

पुराने धातु रोग का इलाज –

धात रोग तो धात रोग होता है चाहे नया हो या पुराना । फिर लंबे समय से यदि आप धात रोग से पीड़ित है तो कुछ जड़ी बुटियों का सेवन करना लाभकारी हो सकता है । जैसे –

  1. गिलोय – यह एक शक्तिशाली रोग प्रतिरोधक है और शरीर को कई तरह के संक्रमणों से बचाता है। यह शरीर को शक्ति प्रदान करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे धातु रोग से लड़ने में मदद मिलती है।
  2. आंवला – यह विटामिन सी का एक समृद्ध स्रोत है और यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। साथ ही साथ शरीर को शक्ति प्रदान करता है और रक्त शुद्ध करता है, जिससे धातु रोग में सुधार होता है।
  3. तुलसी – यह एक पवित्र पौधा है और इसका उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जाता है। यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखती है और शरीर को शक्ति प्रदान करती है।
  4. सफेद मुसली – यह शक्तिशाली जड़ी-बूटी है और इसका उपयोग यौन स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए किया जाता है। इनका सेवन करने से शरीर को शक्ति प्रदान करती है और प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार करती है, जिससे धातु रोग में लाभ होता है।
  5. उड़द की दाल – यह दाल प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है और यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है। वही शरीर को शक्ति प्रदान करती है और धातु रोग में सुधार करती है।
  6. जामुन की गुठली – इनका कसैले स्वाद की होती है और इसका उपयोग पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता है। जिसे धातु रोग की प्रॉब्लम को दूर करने मे मदद मिलती हैं ।

ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ धातु रोग के लिए प्राकृतिक और सुरक्षित उपचार प्रदान कर सकती हैं। हालांकि, किसी भी उपचार को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है।

धातु रोग की होम्योपैथिक दवा –

आपने धातु रोग के लिए कुछ महत्वपूर्ण होम्योपैथिक दवाओं का उल्लेख किया है। ये दवाएं व्यक्तिगत लक्षणों के आधार पर दी जाती हैं। होम्योपैथी की दवा इस प्रकार है –

  1. फेरम फॉस – इस दवा को आमतौर पर उन लोगों को दिया जाता है जो थकान, कमजोरी और सांस लेने में तकलीफ महसूस करते हैं। यदि धातु रोग के साथ रोगी में ये लक्षण हैं, तो फेरम फॉस उपयोगी हो सकता है।
  2. कैल्केरिया फॉस – यह दवा उन लोगों के लिए उपयुक्त होती है जिनके पास ठंड लगने की प्रवृत्ति होती है, जो धीमे पाचन से पीड़ित होते हैं और जिनकी हड्डियां कमजोर होती हैं। यदि धातु रोग के साथ रोगी में ये लक्षण हैं, तो कैल्केरिया फॉस उपयोगी हो सकता है।
  3. नैट्रम म्यूर – यह दवा उन लोगों के लिए उपयुक्त होती है जो एकाकीपन महसूस करते हैं, जिनके पास मीठे खाने की लालसा होती है और जिनकी त्वचा शुष्क होती है। यदि धातु रोग के साथ रोगी में ये लक्षण हैं, तो नैट्रम म्यूर उपयोगी हो सकता है।
  4. पुल्साटिला – यह दवा उन लोगों के लिए उपयुक्त होती है जो भावुक, कोमल और सहानुभूतिपूर्ण होते हैं। यदि धातु रोग के साथ रोगी में ये लक्षण हैं, तो पुल्साटिला उपयोगी हो सकता है।
  5. सेलेनियम – यह दवा उन लोगों के लिए उपयुक्त होती है जो बहुत डरपोक होते हैं और अंधेरे से डरते हैं। यदि धातु रोग के साथ रोगी में ये लक्षण हैं, तो सेलेनियम उपयोगी हो सकता है।

होम्योपैथी धातु रोग के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी उपचार विकल्प हो सकता है। हालांकि, किसी भी होम्योपैथिक उपचार को शुरू करने से पहले एक योग्य होम्योपैथिक डॉक्टर से परामर्श लेना महत्वपूर्ण है।

धात गिरना कैसे बंद करें ?

धातु रोग एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से कई तरह की परेशानियां होती हैं। यह एक जटिल समस्या है और इसका इलाज आयुर्वेदिक और आधुनिक दोनों ही तरीकों से किया जा सकता है। ये दवाएं धातु रोग के विभिन्न लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं। जैसे –

  1. डाबर शिलाजीतवादी वटी – शिलाजीत एक प्राकृतिक खनिज है जो शारीरिक शक्ति बढ़ाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद करता है। यह दवा धातु रोग में शक्तिहीनता और थकान को दूर करने में उपयोगी हो सकती है।
  2. डाबर शूलवज्रिनी वटी – यह दवा पेट दर्द और पाचन संबंधी समस्याओं के लिए उपयोगी होती है। धातु रोग में अक्सर पाचन संबंधी समस्याएं भी होती हैं, इसलिए यह दवा लाभकारी हो सकती है।
  3. ऊंझा मकरध्वज वटी स्वर्ण कोटेड – यह वटी शारीरिक शक्ति बढ़ाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद करती है।
  4. ऊंझा शक्ति सागर रस – यह रस भी शारीरिक शक्ति बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।
  5. हमदर्द मजून सुपारी पाक – यह मजून पाचन संबंधी समस्याओं और दस्त के लिए उपयोगी होता है।

निष्कर्ष – आज के लेख धातु रोग की टेबलेट Patanjali, Himalaya, बैद्यनाथ, होम्योपैथिक एव 5 सबसे अच्छी दवा मे एक सामान्य जानकारी उपलब्ध कराई गई । इस रोग की मिथको व अफवाहों से दूर रहकर अपनी जीवन शैली मे बदलाव करके योग्य डॉक्टर की सलाह से दवाओं का सेवन करना आवश्यक समझे ।

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