खर्राटे की आयुर्वेदिक दवा patanjali. जाने 5 बेस्ट खर्राटे की दवा पतंजलि

kharrate ki ayurvedic dawa patanjali.

खर्राटे की आयुर्वेदिक दवा patanjali. कुछ लोग ऐसे होते है जिनकी नींद बड़ी शांत एव सुकून भरी होती हैं । ऐसे लोग आपके पास सो जाये तो आपको पता नही चलेगा । वही कुछ लोग ऐसे होते हैँ जो नींद मे खर्राटे ( Snoring ) लेते हैं । यह एक ऐसे स्थिति हैं जिसमे व्यक्ति के नाक व गले से ऐसी आवाज़ निकलती है जिसे सुनकर पास में सो रहे व्यक्ति की नींद खराब हो जाती हैं ।

एक्सपर्ट के मुताबिक यदि खर्राटे लेने की समस्या बहुत ज्यादा हैं तो इसे नजर अंदाज नहीं करना चाहिए । क्योकि यह बड़ी समस्याओ का कारण बन सकती हैं । हलाकि यह समस्या बहुत कम लोगो में देखने को मिलती हैं । डॉक्टर्स के अनुसार खर्राटे की प्रॉब्लम नाक में हड्डी की प्रॉब्लम या गले के ढीले उतको के कारण होती हैं । इलाज के लिए सोने की पोजीशन को बदलकर एव स्वस्थ खानपान व व्यायाम करके बचा जा सकता हैं तो चलिए जानते हैं – नींद में खर्राटे के कारण एव पतंजलि दवा के बारे में –

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नींद में खर्राटे आने के कारण –

खर्राटे आना एक आम समस्या है जो कई लोगों को प्रभावित करती है। यह समस्या नाक और गले में हवा के प्रवाह में रुकावट के कारण होती है। खर्राटे के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार है –

  • नाक की संरचना में समस्याएं – नाक की हड्डी में कोई विकृति, बड़े एडेनॉयड्स, या नाक के मांसपेशियों में ढीलापन खर्राटे का कारण बन सकता है।
  • गले में ढीले ऊतक – अतिरिक्त वजन, उम्र बढ़ने, या अन्य कारणों से गले में ऊतक ढीले हो सकते हैं जिससे खर्राटे आते हैं।
  • नींद की स्थिति – पीठ के बल सोने से जीभ और तालू मुंह के पीछे की ओर खिसक सकते हैं जिससे हवा का मार्ग संकरा हो जाता है।
  • शराब और धूम्रपान – शराब और धूम्रपान गले और नाक में सूजन का कारण बन सकते हैं जिससे खर्राटे आते हैं।
  • एलर्जी और साइनस की समस्याएं – एलर्जी और साइनस की समस्याएं नाक में सूजन का कारण बन सकती हैं जिससे खर्राटे आते हैं।
  • नींद संबंधी विकार – स्लीप एपनिया जैसे नींद संबंधी विकार खर्राटे का कारण बन सकते हैं।
  • कुछ दवाएं – कुछ दवाएं खर्राटे का कारण बन सकती हैं.

इन के लक्ष्णो की बात करे तो खर्राटे के कारण रात में पूरी नींद न लेने से दिन में नींद आ सकती है। जिससे सरदर्द की प्रॉब्लम हो सकती हैं । इनके अलावा मुह सुखना, चिड़चिड़ापन की समस्या हो सकती हैं ।

खर्राटे की आयुर्वेदिक दवा patanjali

पतंजलि आयुर्वेद में खर्राटे की समस्या से निपटने के लिए कई प्रभावी औषधियां उपलब्ध हैं। ये औषधियां प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से बनी होती हैं और खर्राटे के मूल कारणों को दूर करने में मदद करती हैं। यह दवाएं किफायती होने के साथ लाभकारी भी होती हैं ।

इन दवाओं की सबसे बड़ी विशेषता यह हैं कि यह आपके नजदीकी मेडिकल स्टोर पर मिल जाती हैं । इनके अलावा इनका इलाज पंचकर्म चिकित्सा पद्धति से भी किया जाता हैं । जिसे आयुर्वेद में नस्य कहा जाता हैं । यह प्रक्रिया काफी हार्ड होती है । तो चलिए पतंजलि की कुछ प्रमुख दवाओं और उनके लाभों के बारे में विस्तार से जानें –

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पतंजलि अणु तेल – खर्राटे की आयुर्वेदिक दवा patanjali

यह तेल आयुर्वेद में एक बहुउपयोगी तेल है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपयोग किया जाता है। खर्राटे की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए भी यह तेल काफी लाभदायक हो सकता है। यह तेल बंद नाक, सर्दी जुकाम, अस्थमा के लिए उपयोगी है । वही अणु तेल खर्राटे रोकने के लिए उपयोगी है क्योकि –

  1. सूजन कम करता है – अणु तेल में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण नाक और गले की सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे सांस लेना आसान हो जाता है और खर्राटे कम होते हैं।
  2. श्वास मार्ग को साफ करता है – यह तेल नाक के मार्ग में जमा बलगम को हटाने में मदद करता है, जिससे श्वास मार्ग साफ रहता है और खर्राटे कम होते हैं।
  3. तनाव कम करता है – तनाव भी खर्राटे का एक कारण हो सकता है। अणु तेल में मौजूद कुछ तत्व तनाव को कम करने में मदद करते हैं, जिससे नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।

अणु तेल का उपयोग करने के लिए रोजाना सोने से पहले अणु तेल की कुछ बूंदें नाक में डालें । वही इस तेल से अपने गले और छाती की मसाज भी कर सकते हैं। इन विकल्पो के अलावा आप नेबुलाइज़र में डालकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपको किसी भी जड़ी-बूटी से एलर्जी है तो अणु तेल का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। ध्यान रखे कि इस तेल को आंखों में जाने से बचें।

पतंजलि शिलाजीत – खर्राटे की आयुर्वेदिक दवा Patanjali.

यह एक प्राकृतिक पूरक है जो हिमालय की चट्टानों से निकाला जाता है। यह एक गाढ़ा, चिपचिपा पदार्थ होता है जो काले या भूरे रंग का होता है। आयुर्वेद में शिलाजीत को एक अत्यंत कीमती औषधि माना जाता है और इसका उपयोग सदियों से विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता रहा है।

  • शक्ति और सहनशक्ति बढ़ाता है – शिलाजीत शरीर की शक्ति और सहनशक्ति बढ़ाने में मदद करता है। यह एथलीटों और भारी शारीरिक श्रम करने वाले लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है – शिलाजीत प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
  • जोड़ों के दर्द में राहत देता है – शिलाजीत में विरोधी भड़काऊ गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
  • पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है – शिलाजीत पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है और अपच और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है।
  • तनाव और थकान को कम करता है – शिलाजीत तनाव और थकान को कम करने में मदद करता है और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
  • प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार करता है – शिलाजीत यौन स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है।
  • रक्त शुद्ध करता है – शिलाजीत रक्त को शुद्ध करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है।

शिलाजीत को आमतौर पर दूध या पानी के साथ लिया जाता है। आप इसे कैप्सूल या पाउडर के रूप में भी ले सकते हैं। शिलाजीत की सही खुराक व्यक्ति के स्वास्थ्य और स्थिति पर निर्भर करती है।

खर्राटे की आयुर्वेदिक दवा Patanjali –

पतंजलि श्वासारी वटी – यह श्वास संबंधी समस्याओं जैसे खांसी, जुकाम और खर्राटे के लिए बेहद फायदेमंद है। यह नाक के मार्ग को साफ करती है और श्वास को आसान बनाती है। यह वटी विभिन्न जड़ी-बूटियों जैसे पिप्पली, श्वेतकुष्ठ, और यष्टिमधु से बनी होती है । यह नाक की रुकावट को दूर करती है । यह खांसी और जुकाम में आराम दिलाती है एव् श्वास को शुद्ध करती है

पतंजलि अनुलोम विलोम नेबुलाइजर आयल – यह नेबुलाइजर ऑयल नाक के मार्ग को साफ करने और श्वास को आसान बनाने में मदद करता है। यह खर्राटे के साथ-साथ साइनस और एलर्जी की समस्याओं में भी लाभदायक है।

यह तेल विभिन्न आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से बना होता है। नाक की सूजन को कम करता है । श्वास को आसान बनाता है वही साइनस और एलर्जी से राहत दिलाता है ।

पतंजलि तुलसी – यह एक प्राकृतिक एंटीसेप्टिक है जो सांस की नली को साफ करने में मदद करती है। प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है । सर्दी जुकाम से राहत देकर श्वास को शुद्ध करता है ।

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पुनर्नवादि क्वाथ – खर्राटे की आयुर्वेदिक दवा –

यह क्वाथ एक आयुर्वेदिक औषधि है जो विभिन्न जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बना है। इसमें शक्तिशाली विरोधी भड़काऊ गुण होते हैं जो शरीर के उच्च तापमान, शरीर में पानी प्रतिधारण और अन्य भड़काऊ स्थितियों को कम करने में मदद करते हैं।

  • खर्राटे अक्सर नाक और गले में सूजन या रुकावट के कारण होते हैं। पुनर्नवादि क्वाथ इस सूजन को कम करके श्वास मार्ग को साफ करने में मदद करता है, जिससे खर्राटे कम होते हैं।
  • यह क्वाथ में मौजूद जड़ी-बूटियां सूजन को कम करने में मदद करती हैं, जिससे नाक और गले की नलियां खुल जाती हैं और सांस लेने में आसानी होती है।
  • यह क्वाथ बलगम को पतला करके उसे बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे श्वास मार्ग साफ रहता है।
  • पुनर्नवादि क्वाथ प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है, जिससे संक्रमण से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

यह क्वाथ खर्राटे के लिए एक प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार हो सकता है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह हर व्यक्ति के लिए प्रभावी नहीं हो सकता है। यदि आप इस समस्या से परेशान हैं तो किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लें।

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खर्राटे से छुटकारा पाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय

Snoring के साथ-साथ गले की खराश और टॉन्सिल की समस्याओं के लिए आयुर्वेदिक उपचारों में काफी प्रचलित हैं। आइए इन उपायों के बारे में जानते है –

  • हर्बल गार्गल – यह हल्दी, सेंधा नमक, शहद, बहेड़ा, बबूल की छाल से निर्मित होता हैं । इन सभी सामग्रियों को पानी में उबालकर एक काढ़ा बना लें। इस काढ़े को ठंडा करके शहद मिलाएं और सोने से पहले गर्म गर्म गार्गल करें। यह गार्गल गले की सूजन को कम करता है, बैक्टीरिया को मारता है और गले की खराश में आराम दिलाता है।
  • भाप लेना – दिव्य पेय को पानी में डालकर उबाल लें और भाप लें। भाप लेने से नाक और गले की नलियां खुलती हैं, बलगम निकलता है और सांस लेने में आसानी होती है।
  • हर्बल लेप – हल्दी, बहेड़ा, बबूल की छाल, अदरक, प्याज, लहसुन, एलोवेरा आदि इन सभी सामग्रियों को पीसकर एक पेस्ट बना लें और इसे गले में लगाकर पट्टी से बांध दें। इसके बाद प्राणायाम करें। यह लेप सूजन को कम करता है, दर्द को कम करता है और संक्रमण से लड़ता है।
  • गौधन अर्क – इस अर्क में कई औषधीय गुण होते हैं। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है, सूजन को कम करता है और पाचन को बेहतर बनाता है।
  • तेल का उपयोग जैसे सरसो, अणु तेल, बादाम रोगन नाक, क्षणादी तेल आदि जो नाक में सूजन को कम करके श्वास मार्ग के अवरुद्ध कम करते है । इन तेलों को नाक में डालने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह लें।

खर्राटे दूर करने के लिए घरेलू उपाय –

इस प्रॉब्लम से निजात पाने के लिए आयुर्वेदिक दवा Patanjali के अलावा कुछ घरेलू उपाय भी है जो आपके लिए लाभकारी हो सकते हैं – जैसे –

  • नस्य – नस्य एक आयुर्वेदिक उपचार है जिसमें तेल या घी को नाक में डाला जाता है। यह नाक के मार्ग को साफ करता है और श्वास को आसान बनाता है। पतंजलि के नस्य तेल खर्राटे की समस्या में लाभकारी हो सकते हैं।
  • रीठा, सौंठ, काली मिर्च और पिंपल का काढ़ा – यह काढ़ा नाक के मार्ग को साफ करता है और टॉन्सिल की समस्या में भी लाभदायक होता है।
  • लहसुन और छोटी पिपल – लहसुन में एंटीबायोटिक गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ते हैं और छोटी पिपल पाचन को बेहतर बनाती है।
  • दूध, हल्दी और शीलाजीत –हल्दी और शीलाजीत दोनों ही सूजन कम करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
  • नींद की स्थिति – पीठ के बल सोने से बचें।
  • वजन कम करें – यदि आपका कम करने से खर्राटे कम हो सकते हैं।
  • शराब और धूम्रपान से बचें – शराब और धूम्रपान खर्राटे को बढ़ा सकते हैं।
  • एलर्जी – यदि आपको कोई एलर्जी है तो उसका इलाज करवाएं।
  • नियमित व्यायाम – नियमित व्यायाम करने से शरीर स्वस्थ रहता है और खर्राटे की समस्या कम होती है।

निष्कर्ष – यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से है और इसे किसी भी डॉक्टरी सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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