पतंजलि मे नामर्दी की दवा – पुरुष की पहचान उनके पुरुषत्व यानी उनकी मर्दानगी से होती है । उनकी मर्दाना शक्ति से होती हैं । यह एक ऐसी शक्ति है जो संतान प्राप्ति के लिए कारगर होती हैं । या यो कहे कि मर्दाना शक्ति से संतान प्राप्ति, बिस्तर पर पार्टनर को संतुष्ट करने का मुख्य आधार है । जिन पुरुषों मे मर्दाना ताकत का अभाव होता हैं उन्हे नामर्द, नामर्दी या नपुंसक कहते हैं । चुंकि यह एक लैंगिंग प्रॉब्लम है जो कभी भी किसी को भी हो सकती हैं ।
अक्सर कई लोगो मे देखा गया है कि शादी के कई साल बाद भी बच्चे नही होते हैं । कभी कभी अपने पार्टनर को खुश नही कर पाते हैं । जिससे रिश्ते टूटने के कंगार पर आ जाते हैं । इन दोनो परिस्थतियों का मुख्य कारण मर्दाना शक्ति का अभाव । हालांकि कुछ अन्य कारण भी होते हैं ।
नामर्दी एक ऐसा शब्द है जिसे सुनते ही कई लोग चिंतित हो जाते हैं। तो चलिए जानते हैं पतंजलि मे नामर्दी की आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में –
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नपुंसकता क्या होती है ?
नामर्दी पुरुषों की एक ऐसी समस्या होती हैं जो उनकी स्पर्म काउंट की प्रॉब्लम दर्शाती है । अर्थात शुक्राणुओ की कमी । जिससे संतान प्राप्ति करना सम्भव नहीं है । नपुंसकता एक सामान्य समस्या है। अगर हम अध्ययन की बात करे 1/3 जनसंख्या इसी कारण त्रस्त है। वो 30 की उम्र मे हो सकता है।
जब आपके शुक्राणु एक स्त्री के वर्जानिटी एरिया मे जाते है । उस वक्त स्त्री की जो अपनी लोकल एंटीबॉडीज होती है । वो सारी उसके उपर इम्युनिटी सिस्टम होती है। वो उसके उपर हमला कर देती है। तो अल्टिमेटली उसके जो ट्यूब मे पहुँचती है। वो सिर्फ 8-10 शुक्राणु पहुँचते है। तो अगर आपके 30 भागने वाले शुक्राणु 32%से कम है तो संभावना है कि वो 8 भी नही पहुँचेंगे।
उधर इसलिये ये बहुत जरुरी है कि टोटल आपका जो काउंट है वो सामान्य हो। वो 20 मिलियन से ज्यादा हो और जो तेज भागने वाले शुक्राणु है वो बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आपका काउंट 20 मिलियन से ज्यादा हो लेकिन आपके जो तेज भागनेवाले शुक्राणु है वो 50% है तो भी आपको IVF की जरुरत पड़ेगी।
पतंजलि मे नामर्दी की दवा – इरेक्टाइल डिसफंक्शन की पतंजलि दवा
नामर्दी यानी इरेक्टाइल डिसफंक्शन पुरुषों में होने वाला यौन रोग है, जिसमें उनका वीर्य खत्म या कम हो जाता हैं । इस रोग की वजह से सेक्स के दौरान पुरुष इरेक्शन नहीं कर पाते हैं । अगर इरेक्शन होता भी है, तो बस कुछ समय के लिए, जिसे बरकरार रखना पुरुषों के लिए मुश्किल हो जाता है । इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या किसी भी उम्र के पुरुष को हो सकती है, लेकिन यह आमतौर पर 40 वर्ष से ज्यादा उम्र के पुरुषों को होती हैं ।
नामर्दी के लिए पतंजलि मे बहुत सारी दवाओं मार्केट मे उपलब्ध है । जैसे आयुर्वेदिक, पतंजलि, वैधनाथ एव हिमालय आदि । यह दवाए किफायती होने के साथ साथ उपयोगी भी है । इन दवाओं का सेवन करना लाभदायक भी होता हैं तो चलिए जानते हैं पतंजलि दवाओं के बारे में –
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अश्वगंधा कैप्सूल – पतंजलि मे नामर्दी की दवा
पतंजलि अश्वगंधा कैप्सूल के पैकेट मे 20 कैप्सूल आते है । अगर आपको इनको खरीदना हो तो पतंजलि स्टोर पर आपको मिल जायेंगे। अश्वगंधा नाम के पौधे की जडो को सुखाकर उसको पीसकर चूर्ण स्वरुप में उपयुक्त है। अश्वगंधा की जडो मे बहुत से गुण पाये जाते है । ये विटामिन से भरपूर होती है । मिनरल्स भरपूर होती है । इसको इंडियन जिनसिंग के नाम से भी जाना जाता है।
सेवन विधी – दिन मे 1-2 ले सकते है । एक सुबह और एक शाम को ले सकते है । खाने के देड घंटे बाद आपको कैप्सूल को पानी के साथ मे लिया जाता है। मेल फिमेल दोनो के लिये लाभदायक है। इसकी किंमत 90 रुपये है।
फायदे – थकान एवं सामान्य दुर्बलता /सामान्य कमजोरी ठीक होगी । पुरुषों की वैवाहिक समस्याओं को भी ये कैप्सूल ठिक करती है। अगर आप कैप्सूल का सेवन 3-4 महिने करते है तो कैसी भी वैवाहिक समस्या हो वो दूर हो जायेगी । जोडो का दर्द, हड्डि़या कमजोर पड गई है आप अश्वगंधा कैप्सूल को इस्तेमाल कर सकते है ।
दुष्प्रभाव – कुछ लोगो के शरीर मे शुरुआत मे लेने के दौरान सर भारी लग सकता है। शरीर गरम हो सकता है। बाकी कोई भी दुष्प्रभाव देखने को नही मिलता है। किसी भी मौसम में ये कैप्सूल ले सकते है । इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरुर लिजिये।
सफेद मूसली – पतंजलि मे नामर्दी की दवा
दरअसल यह एक शक्तिवर्धक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग आयुर्वेद मे विभिन्न रोगों को ठिक करने मे किया जाता है। खासतौर पर कमजोरी और पुरुषों की विभिन्न समस्याओं के लिये सफेद मूसली को इस्तेमाल किया जाता है । यह अपने आप उगती है। इसकी खेती राजस्थान, गुजरात मे की जाती हैं। सफेद मूसली की जड़ों और बीजो का औषधीय इस्तेमाल किया जाता है । इसको आप श्वेत मूसली भी कह सकते है।
सेवन विधि – दिन मे एक बार 5 ग्रम सफेद मूसली चूर्ण को इस्तेमाल कर सकते है । इसको एक छोटे चम्मच चूर्ण लेकर दूध के साथ मिक्स करना है। आपको पीना है। अगर आप चाहे तो दो बार १/२ चम्मच शाम को ले सकते है । सुबह नाश्ते के 1घंटे बाद मे इस्तेमाल करना है। गुनगुने पानी के साथ भी 1/2 चम्मच चूर्ण ले सकते है ।
फायदे – सामान्य दुर्बलता, थकान वैवाहिक समस्या के लिये भी फायदेमंद है। 1 से 2 महिने तक सफेद मूसली चूर्ण को इस्तेमाल करना पडेगा उसके बाद मे नतीजे दिखेंगे। उसके बाद मे १ महिना और कंटिन्यू कर सकते है। स्टेमिना बढाना, टेस्टोस्टेरोन की मात्रा बढाना, बॉडीबिल्डिंग बढाने के लिये ये उपयुक्त है। कुछ मुत्र रोगो मे भी सफेद मूसली लाभदायक सिध्द होती है ।
सावधानी – अगर आपको कोई रोग है या कोर्स वगैरा चालू हो तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसको इस्तेमाल करना है।
दुष्परिणाम – कफ मे बढोतरी हो सकती है। भूख मे कमी हो सकती है। पाचन संबंधी समस्या आ सकती है। शुरुआत मे आप 1/2 चम्मच से शुरुआत करे।
दिव्य यौवन चूर्ण – मर्दाना ताकत की दवा –
अगर बात करे यौवन चूर्ण की तो इसका नाम ही यौवन चूर्ण है । मतलब इसके नाम से ही हमे पता चल जाता है कि ये एक शक्ति बढाने वाला उत्पाद है। जिसका उपयोग शरीर मे ताकद बढाने के साथ मे ही शरीर को स्ट्रेन देने के लिये ही किया जाता है।
मुख्य घटक – सालम पंजा, सालम मिश्री, सफेद मूसली, रुमी मस्तगी, सिरकाकोली, अश्वगंधा, गोंद कटी ला, ब्राह्मण सफेद, पलासा, भंग भस्म, बबूल गोंद, ग्लुकोज, भूरा आदि ।
फायदे –
- यह चूर्ण पुरुषों मे टेस्टोस्टेरोन बढाने का काम करता है।यह नींद की कमी की प्रॉब्लम को दूर करता है ।
- फर्टिलिटी रेट को बढाता है।
- पाचन क्रिया को अच्छा करता है।
- रोग प्रति कारक शक्ती भी बढाता है।
- दुष्प्रभाव – इसका कोई नुकसान नही है। शुरुआती दिनो मे कुछ पाचन संबंधी समस्या आ सकती है।
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अश्व शिला कैप्सूल – नपुंसकता की आयुर्वेदिक दवा –
यह एक आयुर्वेदिक कैप्सूल है जो घोड़े जैसी शक्ति पाने के लिए उपयोगी है । यह 2 जड़ी बुटियों को मिलाकर बनाया गया है। अश्वगंधा और शिलाजीत इसलिये इसका नाम अश्वशिला है। वही इसमे अश्वगंधा पावडर शिला जीत चूर्ण, टालकम एरोसिल का मिश्रण किया गया हैं ।
इनका नियमित रूप से सेवन करने से कमजोरी, थकान, चक्कर आना आदि के लिए यह कैप्सूल उपयोगी है । वही नींद कम आना, मानसिक रुप से कमजोरी के लिए भी कैप्सूल वरदान की तरह है। 1- 2 महिने लगातार इस्तेमाल करने के बाद नतीजे मिलेंगे । जॉइंट पेन हो, वजन को कम करता है। हडियो की कमज़ोरी हो या वात, पित्त और कफ इन तीनो को संतुलित करता है। सूजन मे भी डॉक्टर ये कैप्सूल का सलाह देते है । यूरिनरी डिसआँर्डर मे भी कैप्सूल को लेने की सलाह देते है ।
इनका सेवन रोजाना 1 से 2 कैप्सूल ले सकते है । बेसिक के लिये आपको 1कैप्सूल प्रतिदिन उपयोग मे लाना है। खाना खाने के बाद 1 ग्लास दूध भी पी सकते है।
सावधानी – अगर आप कोई मेडिटेशन लेते है आपकी बी पी, शुगर या हदय ऱोग की बीमारी भी रही होतो डॉक्टर की सलाह से बाद मे इसका उपयोग कर सकते है ।
पतंजलि गोक्षुरादि गुग्गुल – प्रजनन शक्ति बढ़ाने की दवा –
पतंजलि की गोक्षुरादि गुग्गुल एक आयुर्वेदिक मेडिसिन है, जो प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए उपयोगी मानी जाती है । इस दवा का उपयोग नपुंसकता, नामर्दी, मर्दाना कमजोरी के लिए कारगर होती हैं । इस दवा को ट्रिबूलस टेर्रेस्ट्रिस पौधे की जड़ एव फलों से तैयार किया जाता हैं ।
इस दवा का नियमित रूप से सेवन करने से इरेक्टाइल डिसफंक्शन की प्रॉब्लम दूर करने के अलावा, मर्दाना कमजोरी, पुरुष क्षमता को बढ़ाने मे कारगर मानी जाती हैं । वही यह दवा जीवन शक्ति बढ़ाने के साथ साथ शुक्राणुओ की कमी की समस्याओ को दूर करती है । वही टेस्टो स्टोन हार्मोन को बढ़ाकर नामर्दी, लिंग का ढीलापन, शीघ्रपतन जैसी प्रॉब्लम की रामबान दवा से कम नहीं है ।
इस दवा का दवा की खुराक 1 से 2 गोलियां दिन में दो या तीन बार ले सकते हैं । मगर इस बात का ध्यान रखें कि एक दिन में 3 ग्राम से ज्यादा दवा न लें ।
अंतिम शब्द – आज के लेख मे दी गई जानकारी का मुख्य धेय दवाओं के बारे में सामान्य जानकारी देना है । यदि आप इन दवाओं का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो योग्य डॉक्टर से अवश्य करें ।