पीरियड में पेट दर्द का घरेलू उपाय, टेबलेट, exercise एवं 5 बेस्ट उपचार

period me pet dard ka gharelu upay.

पीरियड में पेट दर्द का घरेलू उपाय, महिलाओ की प्रकृति पुरुषों से कही ज्यादा भिन्न है । इसमे से मासिक धर्म भी एक है । असल मे यह एक ऐसी प्राकृतिक प्रक्रिया है जो एक नारी को नारित्व को लौटाती है । जी हा पीरियड्स एक नारी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है । यह हर महीने एक निश्चित अंतराल के बाद होता है । ये बात अलग हैं कि इस दौरान कुछ महिलाओ को काफी शारीरिक दृष्टि से थोड़ा कष्ट भी उठाना पड़ता हैं । 

पीरियड्स, जिन्हें मासिक धर्म या माहवारी भी कहा जाता है, महिलाओं के जीवन में एक महत्वपूर्ण और नियमित चक्र होता है। यह 3 से 5 दिन का चक्र होता हैं । एक्सपर्ट के अनुसार इनका चक्र 21 से 35 दिन अंतराल मे हर महीने होता हैं । यदि यह अनियमित हो जाता हैं । कुछ प्रॉब्लम के संकेत होते है । आज के टॉपिक मे हम यहाँ पीरियड्स के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने का प्रयास करते हैं तो चलिए जानते हैं –

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Period में पेट दर्द क्यों होता है ?

पीरियड्स महिलाओं के शरीर में होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें गर्भाशय से रक्त और टिश्यू का स्राव होता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर हर 28 दिनों में होती है, लेकिन यह अवधि 21 से 35 दिनों के बीच भी हो सकती है। मासिक धर्म चक्र शुरु होने से पहले कुछ हल्के लक्षण नजर आते है जैसे पेड़ू मे दर्द, पेट दर्द के साथ एठन, स्वभाव मे परिवर्तन, स्तन मे सूजन या सवेदनशीलता, मूड मे बदलाव आदि हो सकते हैं । कभी कभी मासिक धर्म के दौरान पेट दर्द भी होने लगता हैं । हालांकि पीरियड्स में पेट दर्द एक आम समस्या है, जो कई महिलाओं को प्रभावित करती है। यहाँ पीरियड्स में पेट दर्द के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार है –

  • प्रोस्टाग्लैंडिन – यह एक प्रकार का हार्मोन है, जो गर्भाशय में उत्पन्न होता है। यह हार्मोन गर्भाशय की मांसपेशियों को सिकोड़ने का कारण बनता है, जिससे पेट दर्द होता है।
  • गर्भाशय की मांसपेशियों का सिकुड़ना – गर्भाशय की मांसपेशियों का सिकुड़ना पेट दर्द का एक प्रमुख कारण है। यह सिकुड़ना गर्भाशय को साफ करने के लिए होता है।
  • हार्मोनल परिवर्तन – पीरियड्स के दौरान हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जो पेट दर्द का कारण बन सकते हैं।
  • पाचन संबंधी समस्याएं – पीरियड्स के दौरान पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि कब्ज, गैस, और पेट में दर्द।
  • तनाव और चिंता – तनाव और चिंता पेट दर्द का एक प्रमुख कारण हो सकता है।

इनके अलावा अनियमित पीरियड्स, गर्भाशय की समस्याएं, जैसे कि गर्भाशय की सूजन, पेट दर्द का एक कारण हो सकता है। वही अगर ब्लीडिंग ज्यादा होने पर पेट दर्द की प्रॉब्लम हो सकती हैं ।

पीरियड में पेट दर्द का घरेलू उपाय –

इस अवधि मे पेट दर्द एक आम समस्या है, जो कई महिलाओं को प्रभावित करती है। कुछ महिलाए तो घबरा जाती हैं । चुंकि घबराने की आवश्यकता नहीं है । यह दर्द मासिक धर्म चक्र की समाप्ति के बाद स्वत ठीक हो जाता हैं । हालांकि इस अवधि मे एठन, कब्ज, गैस, कमजोरी का आभास होता हैं । साथ ही साथ पेट बढ़ा हुआ अर्थात सूजन भी होती हैं ।

उपरोक्त लक्षणों के अनुसार आपको अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए । यदि आपको किसी खाद्य सामग्री से गैस या कब्ज होती हैं तो उनसे बिल्कुल परहेज करे । साथ ही साथ आपको हलका फुल्का खाना खाना चाहिए ताकि आपको पेट मे भार न लगे । वही प्रकार के स्ट्रेस को न पाले । कोशिश करे कि आप ज्यादा तर समय मे आराम करे । कुछ घरेलू उपाय है जो आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं जैसे –

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गर्म पानी से सिकाई से पीरियड में पेट दर्द का घरेलू उपाय –

पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए गर्म पानी की सिकाई एक बहुत ही प्रभावी और आसान तरीका है। गर्म पानी से सिकाई करने से मांसपेशियों में छूटन मिलती है और दर्द कम होता है। गर्म पानी की सिकाई करने का तरीका इस प्रकार है –

  • गर्म पानी की बोतल तैयार करें – एक रबर या प्लास्टिक की बोतल में गर्म पानी भर लें। ध्यान रखें कि पानी इतना गर्म न हो कि आपकी त्वचा जल जाए।
  • तौलिया लपेटें – गर्म पानी की बोतल को एक तौलिये में लपेट लें ताकि आपकी त्वचा सीधे गर्म पानी के संपर्क में न आए।
  • पेट पर रखें – तौलिये में लिपटी हुई गर्म पानी की बोतल को अपने पेट के निचले हिस्से पर रखें।
  • कुछ देर के लिए रखें – इसे 15-20 मिनट के लिए वहीं रखें।
  • दर्द कम होने तक दोहराएं – अगर जरूरत हो तो इस प्रक्रिया को दोहराएं।

इनके अलावा गर्म पानी की बोतल के बजाय आप हीटिंग पैड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। या अगर आपके पास टब है तो आप गर्म पानी से भरे टब में भी बैठ सकते हैं। ध्यान रखें कि गर्म पानी की बोतल को सीधे त्वचा पर न रखें क्योंकि इससे जलन हो सकती है। अगर आपको बहुत अधिक दर्द हो रहा है या अन्य लक्षण जैसे बुखार, उल्टी, या चक्कर आना महसूस हो रहा है तो डॉक्टर से संपर्क करें।

पीरियड्स में हर्बल चाय से पेट दर्द का इलाज

पीरियड में पेट दर्द का घरेलू उपाय, कई महिलाओं के लिए एक आम समस्या है। इस दर्द से राहत पाने के लिए हर्बल चाय एक प्राकृतिक और प्रभावी तरीका हो सकता है। इन चायों में मौजूद औषधीय गुण मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन को कम करके दर्द को शांत करते हैं। ये चाय इस प्रकार है –

  1. अदरक की चाय – अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
  2.  पुदीने की चाय – पुदीना पाचन में सुधार करता है और मांसपेशियों को आराम देता है।
  3. कैमोमाइल की चाय – कैमोमाइल तनाव कम करने और नींद लाने में मदद करता है, जिससे दर्द कम महसूस होता है।
  4. दालचीनी की चाय – दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो सूजन को कम करते हैं।

हर्बल चाय बनाने एक कप पानी को अच्छे से उबाल लें। उबलते पानी में एक चम्मच सूखी हर्ब डालें। अब इसे इसे कुछ मिनट तक ढककर रखें ताकि हर्ब का स्वाद पानी में अच्छे से मिल जाए। चाय को छानकर एक कप में डालें और थोड़ा सा शहद मिलाकर पीएं।

यह चाय पूरी तरह से प्राकृतिक होती हैं और इनमें कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं। ये चाय आपको आरामदायक महसूस कराती हैं और तनाव कम करती हैं। ये चाय पाचन को बेहतर बनाती हैं और कब्ज की समस्या को दूर करती हैं। सूजन को कम करती हैं ।

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पीरियड में पेट दर्द का घरेलू उपाय exercise –

पीरियड्स के दौरान होने वाले पेट दर्द से राहत पाने के लिए योग एक बेहतरीन तरीका है। योगासन न केवल दर्द को कम करते हैं बल्कि तनाव को भी कम करने में मदद करते हैं।. जैसे –

  1. बालासन (Child’s Pose) – घुटनों को मोड़कर बैठ जाएं और माथे को जमीन पर टिका दें। हाथों को आगे की ओर या शरीर के बगल में रखें। यह आसन पेट की मांसपेशियों को आराम देता है और तनाव को कम करता है।
  2. सुप्त बद्ध कोणासन (Reclining Bound Angle Pose) – पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को मोड़कर घुटनों को जोड़ें। पैरों के तलवों को आपस में मिलाएं और घुटनों को धीरे-धीरे जमीन की ओर ले जाएं। यह आसन पेट के निचले हिस्से में रक्त संचार को बढ़ाता है और दर्द को कम करता है।
  3. विपरीत करणी (Legs-up-the-wall Pose) – दीवार के पास बैठें और पैरों को दीवार पर टिका दें। शरीर को सीधा रखें। यह आसन पेट के अंगों को आराम देता है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है।
  4. भुजंगासन (Cobra Pose) – पेट के बल लेट जाएं और हाथों को कंधों के नीचे रखकर शरीर को ऊपर उठाएं। यह आसन पीठ और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और दर्द को कम करता है।
  5. शशांक आसन (Hare Pose) – घुटनों को मोड़कर बैठ जाएं और माथे को जमीन पर टिका दें। हाथों को पीछे की ओर ले जाएं और एड़ियों को छूएं। यह आसन पेट के निचले हिस्से में खिंचाव पैदा करता है और दर्द को कम करता है।

योग करते समय धीरे-धीरे आगे बढ़ें और अपनी सीमा से अधिक न जाएं। अगर आपको कोई भी असुविधा हो रही है तो तुरंत योग करना बंद कर दें और अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

मासिक धर्म मे पेट दर्द के घरेलू उपचार –

मासिक धर्म के दौरान होने वाला पेट दर्द कई महिलाओं के लिए एक आम समस्या है। इस दर्द से राहत पाने के लिए कई घरेलू उपाय बहुत कारगर साबित हो सकते हैं।

  • दर्द निवारक दवा – नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs): ये दवाएं सूजन और दर्द को कम करने में मदद करती हैं। कुछ सामान्य NSAIDs में इबुप्रोफेन (जैसे एडविल, मोर्टिन) और नेप्रोक्सिन (जैसे एलेव) शामिल हैं। एसीटामिनोफेन (Paracetamol): यह दवा दर्द को कम करने में मदद करती है लेकिन सूजन को कम नहीं करती।
  • हीटिंग पैड – हीटिंग पैड का उपयोग भी गर्म सेक के लिए किया जा सकता है।
  • पर्याप्त नींद – पर्याप्त नींद लेने से शरीर को आराम मिलता है और दर्द कम होता है।
  • आरामदायक कपड़े – ढीले-ढाले कपड़े पहनें।
  • हल्के व्यायाम – हल्के व्यायाम जैसे चलना, योग, या तैराकी रक्त संचार को बढ़ावा देते हैं और दर्द कम करते हैं।
  • पौष्टिक आहार – फाइबर से भरपूर आहार जैसे फल, सब्जियां, और साबुत अनाज लें।
  • पानी – पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं।
  • गर्म स्नान – गर्म स्नान से मांसपेशियों को आराम मिलता है।
  • मसाज – पेट की हल्की मसाज दर्द को कम करने में मदद कर सकती है।
  • विटामिन और मिनरल्स – मैग्नीशियम और कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ लें।
  • तनाव कम करें – ध्यान, मेडिटेशन, या गहरी सांस लेने से तनाव कम होता है।

इनके अलावा कैफीन और शराब दर्द को बढ़ा सकते हैं। तनाव लेने से बचे । यदि पेट दर्द की प्रॉब्लम ज्यादा है तो तुरंत डॉक्टर

निष्कर्ष – आज के लेख पीरियड में पेट दर्द का घरेलू उपाय के बारे में एक सामान्य जानकारी दी गई है । यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पीरियड्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, और इसके दौरान महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि आपको पीरियड्स के दौरान कोई समस्या होती है, तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

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