चंद्रयान-3 पर निबंध, 300 व 500 शब्दों में एव रोचक जानकारी in hindi.

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चंद्रयान-3 पर निबंध । हमारे वैज्ञानिक चंद्र तल पर जाने के लिए मिशन चलाते रहते हैं । इसी कड़ी मे चंद्रयान 3 लॉन्च किया गया है । जो कि भारतीय अनुसंधान संगठन श्री हरिकोटा मे 14 जुलाई 2023 के दिन हुआ । यह 23 अगस्त को चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड हुआ । यह एक मिशन था जिससे भारत पर पुरी दुनिया की नजरें टिकी हुई थी । और इस मिशन को पुरा होते ही दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत पहला देश बन गया ।

इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चन्द्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करके चन्द्रमा पर जीवन की स्थिति के बारे में पता लगाना हैं । इनसे पहले सन 1920 मे भारतीय वैज्ञानिको के प्रयासों से भारतीय अंतरिक्ष एव प्रोद्योगिकी के इतिहास की शुरुआत हुई । वही विक्रम साराभाई एव होमी भाभा ने भी शोध संस्थान शुरु किये । इतना ही सन 1970 मे इनका नाम बदलकर भारतीय अनुसंधान संगठन ( इसरों ) कर दिया ।

इसरों ने अब तक कई सफल मिशन किये है । जैसे मंगलयान, चंद्रयान 1 एव GSLV रॉकेट शामिल है । तो चलिए जानते हैं चंद्रयान 3 के बारे में –

चंद्रयान-3 की जानकारी in hindi. –

यह मिशन सबसे सफल एव मुख्य परियोजनाओं मे से एक है । इस मिशन को इसरों द्वारा लॉन्च किया था । इन्होने पहला चंद्रयान 22 अक्टूबर 2008 को लॉन्च किया जो कि सफल रहा । जिसे चन्द्रमा की कक्षा मे स्थापित हुआ । इस मिशन मे 386 करोड़ रुपये खर्च हुए । इनका उद्देश्य चन्द्रमा की सतह पर पानी की उपस्थिति की खोज था । 28 अगस्त 2009 को संचार बंद हो गया और समाप्त कर दिया ।

इसी प्रकार चंद्रयान 2 भी 22 जुलाई 2019 को लॉन्च किया और 20 अगस्त 2019 को चंद्र तल की कक्षा मे सफलतापूर्वक स्थापित किया । लेकिन यह केवल 2.1 किमी की दूरी पर सॉफ्ट लैंडिंग करने असफल रहा । यह 7.5 वर्षो तक कार्यशील रहा ।
इसी कड़ी मे चंद्रयान 3 लॉन्च किया गया जो एक सफल मिशन है । यह 4 जुलाई 2023 को चंद्रमा पर लैंड हुआ और दक्षिणी ध्रुव पर गतिशील है। तो चलिए चंद्रयान-3 पर निबंध 300, 500 शब्दों में –

चंद्रयान-3 पर निबंध 500 शब्दों में –

चंद्रयान-3 एक भारतीय अंतरिक्ष मिशन है जो चंद्रमा की पूरी तरह से अनुसंधान करने के लिए उद्देश्य रखता है। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के द्वारा संचालित किया जा रहा है। चंद्रयान-3 का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर उपयोगी धातुओं और अन्य महत्वपूर्ण जैविक या गैर-जैविक संसाधनों का खोज करना है, और तकनीकी संपादन व रिसर्च योग्य क्रियाओं को सफलतापूर्वक संपन्न करना है।

भारतीय Chandrayan-3 के मिशन का नाम चंद्रमा की सतह पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वायांनिक नील आर्मस्ट्रॉंग के नाम पर किया गया है।

चंद्रयान-3 का मिशन – इस मिशन चंद्रमा के सतह पर एक रोवर भेजने वाला पहला स्वदेशी रोवर स्पेस है और इसका मुख्य उद्देश्य चंद्रमा की सतह के नीचे के तालाबों और जलस्रोतों का अनुसंधान करके उन स्थानों पर जाने की क्षमता का निर्माण करना है।

इसरो के अध्यक्ष डॉ. के. एस वानी से प्रयासों से 3 नवंबर 2018 को पारित किया गया । चंद्रयान – 1, 22 अक्टूबर 2008 को चंद्र की उपकरी यात्रा के बाद चंद्रमा की सर्वेक्षण में सफल रहा। इसके बाद, इसरो ने चंद्रयान-2 की यात्रा की शुरूआत संघर्ष का इस्तेमाल करके 1 यूरोपीय संघ के साथ सर्वेक्षण स्पेस को चंद्रमा की सतह पर भेजने मे सफल रहे ।

चंद्रयान-3 मिशन की चर्चा – इस मिशन के साथ चंद्रमा पर भारतीय रोवर का लांडिंग पहुंचाना मुख्य उद्देश्य था ताकि चंद्रमा की सतह पर उपस्थित धातुओं और महत्वपूर्ण खनिजों का शोध किया जा सके। भारतीय रोवर अपनी निरंतरता और सुरक्षा के साथ चंद्रमा की सतह को अध्ययन करेगा।

चंद्रयान-3 मिशन का लक्ष्य

परियोजना मिशन का मुख्य लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक पद्धति से अध्ययन एव सर्वेक्षण करना था । चंद्रयान-3 मिशन भारत के वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई ने संसाधनों का खोज करने का एक अद्भुत नाम है, और उनका मिशन चन्द्रमा का विकास एव उत्पत्ति के बारे मे जानकारी प्राप्त करना है । यह चंद्रमा, खगोल और बाह्यमंडल का अध्ययन करके भारत को विश्व में महत्वपूर्ण बनाएगा।

चंद्रयान-3 मिशन और भविष्य – चंद्रयान-3 मिशन भविष्य में चंद्रमा की सर्वेक्षण में एक अग्रणी स्थान बना रहा है। चंद्रयान-3 मिशन अमेरिकी संदर्भ एवं इसके प्रयोगिक कार्यों के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।

निष्कर्ष – इस मिशन मे इसरो के अध्यक्ष श्रीकंठ के नेतुत्व मे संचालित कियां । वही वर्षा जोशी ( इंजीनियर ) डॉ. जितेंद्र सिंह ( वैज्ञानिक ) मे भी अपना बखूबी योगदान दिया । चंद्रयान-3 भारत के पौराणिक महासागर एक पर्याप्त संवेदनशीलता तथा प्रौद्यिकी का प्रतीक है। यह भारतीय वैज्ञानिकता का अमूल्य धन है, जो देश के आधुनिकी रीति को प्राप्त हुआ है ।

चंद्रयान-3 पर निबंध 200 – 300 शब्दों मे –

चंद्रयान 3 भारतीय अनुसन्धान केंद्र का एक मिशन है जो 14 जुलाई 2023 को लॉन्च हुआ था । इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चन्द्रमा के दक्षिण स्थित ध्रुव पर लैंडिंग करके चंद्र तल पर जल की उपस्थिति का पता लगाना था । हलाकि इनसे पहले चंद्रयान 1 एव चंद्रयान 2 अंशिक रूप से सफल हुए है । इसी कड़ी मे तीसरा मिशन लॉन्च कियां जो कि सफल रहा ।

यह मिशन काफी चुनौतियों से भरा हुआ था । इस मिशन ने भारत का तकनिकी कौशल का बेहतर प्रदर्शन कियां जिससे भारत की एक अलग पहचान कायम की । इस मिशन का चन्द्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिग करके वहा की मिट्टी का आधुनिक उपकरण की सहायता से मिट्टी की जाँच से जानकारी प्राप्त करने मे सफल रहे । यह सफलता 23 अगस्त 2023 को मिली । जिससे रूस, चीन व अमेरिका के पश्चात भारत की भी गिनती इन्ही देशो मे होने लगी ।

इस मिशन के सफल होने के उपरांत भारत की महत्ता पर चार चांद लग गये । भारत आपने लक्ष्य प्राप्ति मे कामयाब रहा । इस मिशन ने भारत को गौरवांतित कियां । साथ ही साथ आपने योगदान का दुनिया भर को अहसास कराएगा । इस मिशन की सफलता के बाद स्पेस अनुसन्धान को अद्वितीय दर्ज़ा प्राप्त करेगा एव अंतराष्ट्रीय सम्मान के हकदार होंगे ।

चंद्रयान 3 पर निबंध 10 लाइन हिंदी में –

चंद्रयान 3 भारतीय अनुसन्धान केंद्र का एक महत्वपूर्ण मिशन था । जो 14 जुलाई 2023 को लॉन्च हुआ और 14 अगस्त 2023 को चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड हुआ । इनका सफलता भारतीय अनुसन्धान की मील का पत्थर साबित हुआ जिससे स्पेस साइंस की मजबूती प्रमाणित हुई । चलिए जानते हैं चंद्रयान-3 पर निबंध 10 लाइन मे –

  1. यह मिशन 14 जुलाई 2023 को भारतीय अनुसन्धान केंद्र श्री हरीकोटा से लॉन्च कियां गया था ।
  2. यह 14 अगस्त 2023 को चंद्रमा की सतह पर उतरा था ।
  3. चंद्रयान 3 मे विक्रम एव प्रज्ञान रोवर है जो चन्द्रमा की सतह पर अनुसंधान करेगा ।
  4. इस मिशन का दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करना वैज्ञानिको का लक्ष्य था ।
  5. इस मिशन का चन्द्रमा पर उपस्थित चट्टान, बर्फ, वायु व जल की खोज का अध्ययन करना मुख्य उद्देश्य था ।
  6. चंद्रयान 3 परियोजना मे करीब 650 करोड़ रुपये व्यय हुए ।
  7. इस मिशन की सफलता के बाद भारत अब चौथा देश बन गया तथा दक्षिणी ध्रुव पहुँचने वाला पहला देश बन गया ।
  8. यह मिशन स्पेस साइंस की सबसे बड़ी सफलता है । जिससे दुनिया भर भूरी भूरी प्रशंसा हुई ।
  9. यह मिशन चंद्रतल पर रहस्यमयी जानकारियो को प्राप्त करने मे सफल रहा ।
  10. अंतरिक्ष विज्ञान की दृष्टी से सबसे सफल परियोजना थी जिसने तकनिकी कौशल का परिचय दिया ।

चंद्रयान-3 से जुड़े रोचक तथ्य –

  • इस मिशन की सफलता के बाद चन्द्रमा पर पहुँचने वाला भारत चौथा राष्ट्र बन गया ।
  • चन्द्रमा की साऊथ पोल पर पहुँचने वाला भारत पहला देश बन गया ।
  • इस परियोजना मे 75 मिलियन डॉलर की लागत आई ।
  • इस उपयोग किये गये रोवर ‘प्रज्ञान ‘ विक्रम साराभाई के नाम पर रखे गये ।
  • इसमे एक लैंडर ‘विक्रम’ एव रोवर ‘प्र्ग्यन’ जो भारत की आधुनिक तकनीक का हिस्सा है । जो मून पर अपनी छाप छोड़ने मे कामयाम रही ।
  • इस मिशन का उद्देश्य मून पर जल व वायु की खोज के साथ वहा होने वाली सभी घटनाओ का वैज्ञानिक तरीके से अध्ययन करना ।

अंतिम शब्द – इस मिशन की सफलता ने भावी पीढ़ी व स्पेस साइंस के क्षेत्र मे नए आयाम क़ायम किये है । यह वैज्ञानिको की मेहनत व लगन का प्रतिक है । चंद्रयान 3 मे हमारे वैज्ञानिको की सफलता ने भारत को विश्व स्तर पर एक नया आयाम स्थापित किया है ।

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